DGCA cracks down on IndiGo: Orders to reduce flights by 5%, new schedule to be submitted by December 10
नई दिल्ली
देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो को लगातार उड़ान संचालन में लापरवाही भारी पड़ती नजर आ रही है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो की कार्यप्रणाली पर कड़ा रुख अपनाते हुए सभी सेक्टरों में 5 प्रतिशत उड़ानें घटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एयरलाइन को 10 दिसंबर शाम 5 बजे तक संशोधित उड़ान शेड्यूल जमा करना अनिवार्य किया गया है।
DGCA ने जताई गंभीर नाराजगी
DGCA की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि “इंडिगो यह साबित नहीं कर पाई है कि वह अपने फ्लाइट शेड्यूल को कुशलता और समयबद्ध तरीके से संचालित करने में सक्षम है।” लगातार फ्लाइट लेट होने, रद्द किए जाने और यात्रियों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए यह सख्त फैसला लिया गया है।
नियामक संस्था का मानना है कि अगर समय रहते सख्ती नहीं की जाती, तो इसका सीधा असर यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और भरोसे पर पड़ेगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
बीते कुछ महीनों से इंडिगो की उड़ानों में बार-बार देरी, अचानक कैंसिलेशन और तकनीकी खामियों की खबरें सामने आती रही हैं। कई प्रमुख हवाई अड्डों से रोज़ाना दर्जनों उड़ानें तय समय पर उड़ान नहीं भर पा रही थीं। यह स्थिति खासतौर पर त्योहारी सीजन और पर्यटक मौसम के दौरान और भी गंभीर हो गई थी।
DGCA के अनुसार,
लगातार ऑपरेशनल फेल्योर
क्रू और एयरक्राफ्ट की कमी
शेड्यूल मैनेजमेंट में कमजोरी
इन सभी कारणों से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
यात्रियों पर क्या पड़ेगा असर?
5 प्रतिशत उड़ानों में कटौती का सीधा असर टिकट बुकिंग, री-शेड्यूलिंग और किरायों पर पड़ सकता है। कई रूट्स पर अब कम फ्लाइट उपलब्ध होंगी, जिससे यात्रियों को समय बदलना या वैकल्पिक एयरलाइन चुननी पड़ सकती है। हालांकि DGCA ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह फैसला यात्रियों की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए लिया गया है, न कि उन्हें और परेशान करने के लिए।
इंडिगो की सफाई पर टिकी नजरें
DGCA के सख्त आदेश के बाद अब सबकी नजरें इंडिगो के आधिकारिक जवाब पर टिकी हुई हैं। एयरलाइन को न केवल revised schedule जमा करना होगा, बल्कि यह भी साबित करना होगा कि वह आगे अपने संचालन को समयबद्ध और सुचारु तरीके से चला सकती है।
पहले भी लग चुकी है फटकार
यह पहली बार नहीं है जब DGCA ने इंडिगो पर सख्ती दिखाई हो। इससे पहले भी कई बार सुरक्षा मानकों, ग्राउंड हैंडलिंग और फ्लाइट ऑपरेशन को लेकर नोटिस जारी किए जा चुके हैं। हालांकि, यात्रियों की लगातार शिकायतों ने इस बार नियामक संस्था को और सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
DGCA का साफ संदेश
DGCA ने साफ शब्दों में कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा, समय की पाबंदी और गुणवत्तापूर्ण सेवा से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। यदि भविष्य में भी लापरवाही सामने आती है, तो और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।