नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई, जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार सुबह 7 बजे कुल एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 421 रहा।शहर के कई हिस्सों में प्रदूषण स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया, कई क्षेत्रों में AQI 400 के पार पहुंच गया।
CPCB के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में AQI 412, अलीपुर में 442 और बवाना में सबसे उच्च स्तर 462 दर्ज किया गया। चांदनी चौक का AQI 416 रहा, जबकि आर.के. पुरम और पतपरगंज में क्रमशः 446 और 438 का स्तर रिकॉर्ड हुआ। सोनिया विहार में भी 'गंभीर' AQI 433 दर्ज किया गया, जो पूरे शहर में खतरनाक वायु स्थिति को दर्शाता है।
पिछले दिन सोमवार के मुकाबले, जब AQI 'बहुत खराब' श्रेणी में 345 दर्ज किया गया था, प्रदूषण का स्तर अब भी कई क्षेत्रों में चिंताजनक बना हुआ है।
CPCB के अनुसार, AQI 0-50 'अच्छा', 51-100 'संतोषजनक', 101-200 'मध्यम', 201-300 'खराब', 301-400 'बहुत खराब' और 401-500 'गंभीर' माना जाता है।
एक दिन पहले, एक निवासी राहुल ने ANI को बताया कि शहर में प्रदूषण बहुत अधिक है, जिससे सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन हो रही है। उन्होंने कहा, "यह धुंध नहीं, प्रदूषण है। हम सांस लेने में मुश्किल और आंखों में जलन महसूस कर रहे हैं। सरकार को कदम उठाने चाहिए। पटाखे फोड़े गए और पराली जलने से उठने वाला धुआं भी दिल्ली तक आता है।"
दिवाली के बाद से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के कई हिस्सों में AQI 'खराब' और 'बहुत खराब' श्रेणी में रहा, जबकि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज 2 लागू है।
वहीं, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार, 1 जनवरी से 9 नवंबर 2025 के बीच दिल्ली का औसत AQI 175 रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में 189 था। इसी अवधि में PM2.5 और PM10 की सांद्रता क्रमशः 75 µg/m³ और 170 µg/m³ रही, जबकि पिछले साल यह 87 µg/m³ और 191 µg/m³ थी।
पंजाब और हरियाणा में इस साल खेतों में आग लगने की घटनाओं में कमी देखी गई है। 15 सितंबर से 9 नवंबर 2025 के बीच, पंजाब में 4,062 आग की घटनाएं हुईं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 6,266 (35.2% कमी) घटनाएं दर्ज हुई थीं। हरियाणा में इस साल केवल 333 आग की घटनाएं हुईं, जबकि पिछले साल 959 (65.3% कमी) घटनाएं दर्ज हुई थीं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) पंजाब और हरियाणा राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर ऑन-ग्राउंड स्थिति की सक्रिय निगरानी कर रहा है। इसका उद्देश्य स्टैच्यूटरी निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना और पराली जलाने की समस्या से निपटना है।






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