दिल्ली: शाहीन बाग में वोटर कार्ड धोखाधड़ी के दो मामलों में 6 गिरफ्तार

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 01-01-2025
Delhi: 6 arrested in two cases of voter card fraud in Shaheen Bagh
Delhi: 6 arrested in two cases of voter card fraud in Shaheen Bagh

 

नई दिल्ली. दिल्ली के शाहीन बाग में वोटर आईडी धोखाधड़ी के सिलसिले में दो अलग-अलग मामलों में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, 25 दिसंबर को उन्हें ओखला के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) विनोद कुमार से एक शिकायत मिली, जिसमें आरोप लगाया गया कि चार व्यक्तियों ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके मतदाता पहचान पत्र या पते में बदलाव के लिए आवेदन किया है.

इस मामले के संबंध में 26 दिसंबर को शाहीन बाग थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और धारा 340 (जाली दस्तावेजों को असली के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. 29 दिसंबर को कुमार की ओर से इसी तरह के आरोपों के साथ एक और शिकायत प्राप्त हुई थी कि जाली दस्तावेजों का उपयोग करके निर्वाचन पंजीकरण कार्यालय में नए मतदाता पंजीकरण के लिए चार आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसके बाद बीएनएस की धारा 336ध्340 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्वी दिल्ली), रवि कुमार सिंह ने कहा कि जांच के दौरान, कथित व्यक्तियों के पते का पता लगाया गया और दोनों मामलों में निम्नलिखित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया.

आरोपियों की पहचान मोहम्मद नईम (32), रिजवान उल हक (30), सबाना खातून (37), रजत श्रीवास्तव (27), सचिन कुमार (27) और त्रिलोक चंद (51) के रूप में हुई. सभी छह आरोपियों के पास मतदाता पहचान पत्र बनाने या संशोधित करने के लिए आधार कार्ड और बिजली बिल जैसे जाली दस्तावेज पाए गए.

जांच के दौरान, एक पुलिस टीम ने मतदाता पहचान पत्र धोखाधड़ी में शामिल व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए मामलों की सक्रिय रूप से जांच की. पुलिस द्वारा गहन प्रयासों के बाद, कथित आरोपी व्यक्तियों के पते का पता लगाया गया और इसके बाद दोनों मामलों में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया.

दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि जालसाजी नेटवर्क में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि अब तक एकत्र किए गए साक्ष्य चुनावी पंजीकरण प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए प्रौद्योगिकी और जाली दस्तावेजों के व्यवस्थित दुरुपयोग का संकेत देते हैं.

जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने एक निजी कंप्यूटर जब्त किया, जिसका इस्तेमाल जाली दस्तावेज बनाने में किया गया था मोहम्मद नईम, जो दिल्ली के शाहीन बाग के निवासी हैं, ने जाली बिजली बिल का उपयोग करके अपने मतदाता पहचान पत्र में पता बदलने के लिए आवेदन किया था. वह पेशे से इलेक्ट्रीशियन हैं.

रिजवान उल हक, जो दिल्ली के जामिया नगर के निवासी हैं, ने मोहम्मद नईम के लिए फोटोशॉप का उपयोग करके बिजली बिल में जालसाजी की. वह शाहीन बाग में एक साइबर कैफे के मालिक हैं

सबाना खातून, जो दिल्ली के शाहीन बाग की निवासी हैं, ने जाली बिजली बिल का उपयोग करके पता बदलने के लिए आवेदन किया था. वह एक गृहिणी हैं. रजत श्रीवास्तव, जो हरियाणा के फरीदाबाद के निवासी हैं, दिल्ली के जसोला इलाके में एक साइबर कैफे संचालक हैं. उसने कई व्यक्तियों के बिजली बिलों को जाली बनाने के लिए एक ऑनलाइन पीडीएफ एडिटिंग टूल का इस्तेमाल किया और शाहीन बाग पुलिस स्टेशन में दर्ज दोनों मामलों में शामिल पाया गया, जिसमें एक संबंधित मामला भी शामिल है.

दिल्ली के मालवीय नगर निवासी सचिन कुमार शहर के एक अस्पताल में हाउसकीपिंग विभाग में काम करते हैं. उन्होंने अपने मूक-बधिर चाचा किसुनी के लिए दस्तावेज तैयार करने के लिए त्रिलोक चंद से संपर्क किया था. उनका कथित मकसद अपने चाचा के नाम से जमीन हस्तांतरित करना था.

चिराग दिल्ली निवासी त्रिलोक चंद एक निजी ट्यूशन शिक्षक हैं. उन्होंने कथित तौर पर जाली दस्तावेज बनाने के लिए रजत श्रीवास्तव के साथ मिलकर काम किया और कथित किसुनी को चार से पांच साल से जानते हैं.