वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
पवित्र सावन माह के दूसरे सोमवार को देशभर के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे और भगवान शिव के दर्शन-पूजन किए। मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने मंदिर के बाहर लाइन में खड़े श्रद्धालुओं पर फूल बरसाकर उनका स्वागत किया।अयोध्या में भक्तों ने हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन किए, जबकि गोरखपुर के मुक्तेश्वरनाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। मुरादाबाद के कामेश्वर महादेव मंदिर, गाजियाबाद के दूधेश्वर महादेव मंदिर और प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर में भी भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे।
जयपुर के झारखंड महादेव मंदिर और झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भी भक्तों की लंबी लाइनें देखी गईं। गुवाहाटी के सुकरेश्वर मंदिर में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को भस्म आरती की गई।
इससे पहले, चंदौसी क्षेत्राधिकारी अनुज चौधरी ने कांवड़ियों का स्वागत किया और सावन शिवरात्रि (23 जुलाई) को लेकर सुरक्षा और सुविधा की व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “कांवड़ियों के लिए पुलिस अधीक्षक संभल के निर्देशन में एक विशेष कैंप लगाया गया है। चिकित्सीय सहायता और फल की व्यवस्था की गई है क्योंकि वे लंबी दूरी तय करके लौटे हैं। पहले सोमवार को भी श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। दूसरे सोमवार को भी सभी मंदिरों में सीसीटीवी कैमरे और पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं ताकि व्यवस्था बनी रहे।”
सावन माह का महत्व
श्रावण (सावन) हिंदू पंचांग का पांचवां महीना है और इसे वर्ष का सबसे शुभ महीना माना जाता है। यह माह भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें सृष्टि के रचयिता, पालक और संहारक माना जाता है।इस पावन माह में श्रद्धालु व्रत रखते हैं, शिव मंत्रों का जाप करते हैं, भक्ति गीत गाते हैं और रुद्राभिषेक करते हैं। कई भक्त अनाज का सेवन छोड़कर केवल फल, दूध और व्रत में अनुमत विशेष खाद्य पदार्थ खाते हैं।
सावन का प्रत्येक सोमवार (सावन सोमवार) शिव आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है, जबकि मंगलवार का दिन देवी पार्वती की पूजा को समर्पित होता है।इस वर्ष सावन 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा। हिंदू चंद्र कैलेंडर में यह पाँचवां महीना है और शिव भक्तों के लिए सबसे पवित्र समय माना जाता है।