आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने सोमवार को कहा कि उसने ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी ‘बीमा सखी योजना’ को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है.
गोवा में 8-10 जुलाई को वित्तीय समावेशन पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ‘अनुभूति’ के दौरान इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए.
एलआईसी ने बयान में कहा कि उसकी ‘बीमा सखी योजना’ बीमा वितरण क्षेत्र में महिलाओं की मौजूदगी को मजबूती देने के लिए बनाई गई है.
इस योजना के तहत एलआईसी महिलाओं को प्रदर्शन-आधारित मानदेय देती है. उन्हें सामान्य एलआईसी एजेंट के लिए उपलब्ध सभी अन्य लाभ और विशेषाधिकार भी मिलते हैं.
इस योजना के तहत बीमा सखी एजेंट को कुछ नियमों एवं शर्तों के अधीन पहले वर्ष में 7,000 रुपये, दूसरे वर्ष में 6,000 रुपये और तीसरे एजेंसी वर्ष में 5,000 रुपये का मासिक मानदेय दिया जाता है.
एलआईसी ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रमुख गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम ‘दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन’ के लक्ष्य ‘बीमा सखी योजना’ के लक्ष्यों से पूरी तरह मेल खाते हैं.
इस एमओयू से ग्रामीण परिवारों को अपनी घरेलू आय में सुधार करने में लाभ होगा.