Court's decision on Wakf Act is a slap on Centre's arrogance: Congress leader Khan
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
महाराष्ट्र कांग्रेस नेता नसीम खान ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के कई प्रावधानों पर रोक लगाने वाले उच्चतम न्यायालय के अंतरिम आदेश को सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के अहंकार पर तमाचा करार दिया.
उच्चतम न्यायालय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के कई प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगा दी जिनमें यह प्रावधान भी शामिल है कि पिछले पांच वर्षों से इस्लाम का पालन करने वाले लोग ही संपत्ति को वक्फ के रूप में समर्पित कर सकते हैं। हालांकि अदालत ने पूरे कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
न्यायालय ने वक्फ संपत्तियों की स्थिति पर निर्णय करने के लिए जिलाधिकारी को दी गई शक्तियों पर भी रोक लगा दी और वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम भागीदारी के विवादास्पद मुद्दे पर फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया कि केंद्रीय वक्फ परिषद में 20 में से चार से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होने चाहिए और राज्य वक्फ बोर्डों में 11 में से तीन से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होने चाहिए.
कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री खान ने एक बयान में कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी का मानना है कि उसके प्रचंड बहुमत ने उसे संसद को ध्वस्त करने की अनुमति दे दी है.
उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले ने एक बार फिर मोदी सरकार की पोल खोल दी है। आज का आदेश उनके अहंकार पर तमाचा है और यह याद दिलाता है कि सबसे मजबूत बहुमत भी संविधान को खामोश नहीं कर सकता.