उत्तरी कश्मीर के तीन सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी ड्रग्स और घुसपैठियों पर नकेल डालने को 26 पुलिस चौकियों का निर्माण तेज

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 10-03-2023
उत्तरी कश्मीर के तीन सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी ड्रग्स और घुसपैठियों पर नकेल डालने को 26 पुलिसचौकियों   का निर्माण तेज
उत्तरी कश्मीर के तीन सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी ड्रग्स और घुसपैठियों पर नकेल डालने को 26 पुलिसचौकियों का निर्माण तेज

 

आवाज द वाॅयस/श्रीनगर

पाकिस्तान से ड्रग्स की तस्करी और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में उनके इस्तेमाल को रोकने के लिए, कुपवाड़ा, बारामूला और बांदीपोरा के तीन सीमावर्ती जिलों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आसपास 26सीमा पुलिस चौकियों   का निर्माण तेज हो गया है.

नशीले पदार्थों पर नजर रखने के अलावा इन चौकियों का इस्तेमाल तीन जिलों के सीमावर्ती कस्बों तक पहुंच बनाने और नियंत्रण रेखा पर तैनात सेना और अन्य सुरक्षा बलों के साथ मिलकर पाकिस्तान से घुसपैठ से निपटने के लिए किया जाएगा.ये सीमा पुलिस चौकियां गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद बनाई जा रही हैं. इनकी स्थापना का काम शुरू हो चुका है.

सीमावर्ती पुलिस चौकियों में 20से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे,जिनका नेतृत्व उप-निरीक्षक स्तर का एक अधिकारी करेगा.गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ड्रग्स तस्करों पर नकेल डालने के अलावा कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों की खुफिया जानकारी भी चैकियां के जरिए जुटाई जाएगी,ताकि सीमा पार से होने वाली आतंकवादियों की घुसपैठ को रोका जा सके.

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प्रत्येक पुलिस चौकी का निर्माण 84लाख रुपये से किया जा रहा है. इसके लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है.माछिल, गुरेज, केरन, तंगधार, पुलिस डिवीजन हंदवाड़ा, उरी और उत्तरी कश्मीर के अन्य क्षेत्रों के ऊपरी इलाकों में चैकियां स्थापित की जा रही हैं.

अधिकारी ने कहा कि मजबूत सुरक्षा ग्रिड और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच बढ़ते समन्वय ने प्रभावी रूप से आतंकवादी गतिविधियों को कम किया है.गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, हालांकि, नशीली दवाओं के खतरे पर अंकुश लगाना मुश्किल है. पाकिस्तान ने अब जम्मू-कश्मीर में बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों की घुसपैठ का सहारा लिया है. सीमा पुलिस चौकियों की स्थापना उसी अभ्यास को रोकना है.

अधिकारी ने कहा कि हालांकि नार्को-आतंकवाद एक चुनौती है, पर चौकियों पर तैनात जवान ड्रोन के जरिए नकली नोट, हथियार और ड्रग्स गिराने वालों पर नजर रखेंगे.गौरतलब है कि अभी तक कश्मीर में ड्रोन के जरिए हथियार गिराने की कोई घटना सामने नहीं हुई है.

हालांकि, ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जब जम्मू संभाग में ड्रोन के माध्यम से हथियार और मुद्रा गिराई गई है.हाल ही में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने पाकिस्तान प्रायोजित नार्को-आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती बताया था.

उन्होंने कहा कि ड्रोन के इस्तेमाल से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) द्वारा हथियार गिराने की एक दर्जन से अधिक घटनाएं हुई हैं.आईईडी में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे ड्रोन से गिराने पर बरामद किया गया है.ड्रोन को एक बड़ा सुरक्षा खतरा बताते हुए, डीजीपी ने कहा कि हथियार और आईईडी गिराने के लिए राष्ट्र विरोधी तत्व और आतंकवादी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. यह खतरनाक है. वे उनके मंसूबों को विफल करने के लिए जवाबी कदम उठा रहे हैं.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंक को जिंदा रखने के लिए नशीला पदार्थ और हथियार भेजने की दोहरी रणनीति अपनाई है.पाकिस्तान से तस्करी कर लाई गई हेरोइन पूरे कश्मीर में इस्तेमाल की जाने वाली ओपिओइड है. अधिकारियों ने कहा कि तस्करी के जरिए सीमा पार से आने वाले नशीले पदार्थों से होने वाली कमाई के माध्यम से आतंकवाद को ऑक्सीजन मिल रहा है. यह युवाओं के जीवन को भी बर्बाद कर रही है.

पिछले साल जून में, बारामूला जिले में एक नार्को-टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ था. परिणामस्वरूप चीनी ग्रेनेड और चार पिस्तौल के साथ 45करोड़ रुपये की हेरोइन रखने के आरोप में 10लोग पकड़े गए थे.पुलिस ने कहा कि यह आतंकी मॉड्यूल पूरे जम्मू-कश्मीर के साथ केंद्र शासित प्रदेश के बाहर भी सक्रिय है.