मुंबई
भारत के प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई ने रविवार को कोल्हापुर जिले में बंबई उच्च न्यायालय की चौथी सर्किट पीठ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मौजूद थे।
कोल्हापुर में नयी पीठ की स्थापना लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से की गई है। इससे उन वादियों और वकीलों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्हें अब तक अपनी याचिकाओं की सुनवाई के लिए करीब 380 किलोमीटर दूर मुंबई जाना पड़ता था।
वर्तमान में बंबई उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ मुंबई में है, जबकि इसकी तीन अन्य पीठें नागपुर, औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) और गोवा में कार्यरत हैं।
मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे ने 1 अगस्त को अधिसूचना जारी कर कोल्हापुर को सर्किट पीठ बनाया था। यह नयी पीठ सोमवार (18 अगस्त) से कामकाज शुरू करेगी और इसमें एक खंडपीठ तथा दो एकल पीठें होंगी।
नई पीठ का अधिकार क्षेत्र छह जिलों—कोल्हापुर, सतारा, सांगली, सोलापुर, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग—पर होगा। इनमें से रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग कोंकण के तटीय इलाके में आते हैं।
कोल्हापुर खंडपीठ में न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख शामिल होंगे। वहीं, न्यायमूर्ति एस. जी. डिगे और न्यायमूर्ति एस. जी. चपलगांवकर एकल पीठों की अध्यक्षता करेंगे।
खंडपीठ जनहित याचिकाओं, सिविल रिट याचिकाओं, प्रथम अपीलों, पारिवारिक अदालत की अपीलों, अवमानना मामलों और अन्य सभी सिविल व आपराधिक मामलों की सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति डिगे की एकल पीठ आपराधिक अपीलों, पुनरीक्षण याचिकाओं, जमानत आवेदनों और अन्य आपराधिक मामलों को देखेगी। वहीं न्यायमूर्ति चपलगांवकर की एकल पीठ सिविल रिट याचिकाओं, सिविल आवेदनों और अन्य सिविल प्रकरणों की सुनवाई करेगी।