केंद्र ने ग्रामीण भारत में रोजगार की गारंटी देने वाली मनरेगा को ‘निरस्त’ कर दिया: प्रियंक खरगे

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 27-12-2025
Centre has 'scrapped' MNREGA, which guaranteed employment in rural India: Priyank Kharge
Centre has 'scrapped' MNREGA, which guaranteed employment in rural India: Priyank Kharge

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने शनिवार को केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उसने संसद में बिना किसी चर्चा के ‘विकसित भारत- जी राम जी’ विधेयक पारित करके मनरेगा को प्रभावी रूप से ‘‘निरस्त’’ कर दिया, जिससे ग्रामीणों को उनकी आजीविका की गारंटी वाले अधिकार से वंचित कर दिया गया है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री ने यहां प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि यह नया कानून मौजूदा रोजगार गारंटी ढांचे में सुधार, सरलीकरण या उसे मजबूत नहीं करता है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने न तो मनरेगा में सुधार किया है, न ही इसे सरल बनाया है और न ही इसे मजबूत किया है। स्पष्ट रूप से, मनरेगा को निरस्त कर दिया गया है। यदि आप विधेयक पढ़ेंगे तो उसमें लिखा है कि मनरेगा और इसकी सभी अधिसूचनाएं निरस्त की जाती हैं।’’
 
मंत्री ने कहा कि पिछले 19 वर्षों से, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम एक मांग-आधारित रोजगार गारंटी योजना के रूप में कार्य कर रहा था, जिसने ग्रामीण भारत में आजीविका के लिए एक सुरक्षा कवच प्रदान किया था।
 
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लगभग दो दशकों तक, इस अधिनियम ने ग्रामीण परिवारों को आजीविका की गारंटी दी। आज, नरेन्द्र मोदी सरकार ने वह गारंटी छीन ली है।’’
 
प्रियंक खरगे ने कहा कि मांग-आधारित अधिकार को आपूर्ति-आधारित योजना में बदलकर एक मौलिक बदलाव किया गया है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘पहले, अगर मेरे पास नौकरी की गारंटी वाला कार्ड होता, तो मैं राज्य में कहीं भी काम मांग सकता था। अब, मुझे काम तभी मिलेगा जब इसकी सूचना दी जाएगी। यह अब कोई अधिकार नहीं रह गया है।’’