आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी पर बुधवार को पीथमपुर के नागरिकों ने राज्य सरकार से मांग की कि यूनियन कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे को इस औद्योगिक क्षेत्र के एक अपशिष्ट निपटान संयंत्र में भस्म किए जाने के बाद उत्पन्न करीब 900 टन राख को निस्तारण के लिए कहीं और ले जाया जाए।
अधिकारियों के अनुसार फिलहाल यह राख पीथमपुर के एक संयंत्र के ‘लीक-प्रूफ स्टोरेज शेड’ में सुरक्षित तौर पर रखी गई है। उन्होंने बताया कि संयंत्र में यूनियन कार्बाइड कारखाने के 337 टन विषैले अपशिष्ट, 19 टन संदूषित मिट्टी और 2.2 टन पैकेजिंग सामग्री समेत कुल 358 टन की खेप को अलग-अलग चरणों में भस्म करने की प्रक्रिया इस साल जुलाई की शुरुआत में संपन्न हुई थी।
अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश सरकार ने इस राख को पीथमपुर के संयंत्र में ही निर्माणाधीन विशेष बहुपरतीय विशाल गड्ढे (लैंडफिल सेल) में डालकर इसके निपटारे की योजना बनाई थी।
कचरा जलने के बाद अब इसकी राख को लेकर स्थानीय लोग आशंकाएं व्यक्त कर रहे हैं।
उनका कहना है कि यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे की जहरीली राख का निपटारा पीथमपुर के संयंत्र के बजाय किसी निर्जन स्थान पर किया जाना चाहिए क्योंकि किसी दुर्घटना की स्थिति में ‘लैंडफिल सेल’ में कोई गड़बड़ होने से मानवीय आबादी और आबो-हवा को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
मध्यप्रदेश के धार जिले का यह संयंत्र पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के तारपुरा गांव से एकदम सटा है।