सिलचर
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीते 10 वर्षों के शासनकाल में राज्य में बांग्ला भाषी हिंदू अब तक की सबसे सहज और सुरक्षित स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस समुदाय से जुड़े तमाम मुद्दों को चरणबद्ध तरीके से सुलझा रही है।
मुख्यमंत्री सरमा ने यह बयान सिलचर में एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया। उन्होंने कहा,“हम हिंदू बंगालियों के सामने आने वाले सभी मुद्दों को एक-एक कर हल कर रहे हैं। हमने यह सुनिश्चित किया कि उन्हें उनके आधार कार्ड वापस मिलें, और उनके खिलाफ नागरिकता से जुड़े नए केस दर्ज करने बंद कर दिए गए हैं।”
सरमा ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह का प्रशासनिक निर्णय न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में होना चाहिए, ताकि अदालत में वह टिका रह सके।“मैं नहीं मानता कि किसी पिछली सरकार ने इस समुदाय के लिए उतना काम किया है, जितना हमारी सरकार कर रही है,” उन्होंने जोड़ा।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि असमिया और बांग्ला भाषियों के बीच लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को भी समाप्त कर दिया गया है।उन्होंने ज़ोर देकर कहा,“आज का हिंदू अपनी पहचान भाषा से नहीं, बल्कि धर्म से करता है.”
अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ पर भी उन्होंने बात की। जब उनसे पूछा गया कि अब तक कितने घुसपैठियों को खदेड़ा गया है, तो उन्होंने कहा,“अभी आंकड़े देना उचित नहीं होगा। समय आने पर हम पूरी जानकारी साझा करेंगे। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि भविष्य में कोई नई घुसपैठ न हो।”
मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब असम में नागरिकता, घुसपैठ और एनआरसी जैसे संवेदनशील मुद्दों को लेकर सामाजिक और राजनीतिक बहस लगातार बनी हुई है। इस संदर्भ में उनकी टिप्पणी को राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है।