नई दिल्ली:
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर रविवार सुबह खतरे के निशान को पार कर गया।जहां चेतावनी का स्तर 204.50 मीटर है, वहीं खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है। लोगों को 206 मीटर पर पहुंचने पर सुरक्षित स्थानों पर निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
रिपोर्ट के अनुसार, यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर से ऊपर पहुंच चुका है और लगातार बारिश के चलते इसमें वृद्धि जारी है।भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 31 अगस्त से 2 सितंबर तक के लिए "आम तौर पर बादल छाए रहने और मध्यम बारिश" का पूर्वानुमान जारी किया है।
3 सितंबर के लिए "गरज के साथ बारिश", जबकि 4 और 5 सितंबर के लिए "बारिश या गरज के साथ बौछारें" पड़ने की संभावना जताई गई है।गुरुवार को, जब यमुना नदी ने खतरे का निशान पार कर लिया था, तब दिल्ली के मयूर विहार में एक बाढ़ राहत शिविर स्थापित किया गया था।
स्थानीय निवासी अशोक ने बताया,“ये टेंट यमुना किनारे रहने वाले लोगों के लिए लगाए गए हैं। जब पानी बढ़ेगा तो ये लोग यहां आकर रहेंगे।”
इस बीच, मौसम विभाग ने बताया कि अगस्त 2025 में देशभर में बीते कई दशकों की सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है।IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मॉनसून की गतिविधि अगस्त के दूसरे पखवाड़े में तेज़ी से बढ़ी, और सितंबर में भी सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
महापात्रा ने कहा:“अगस्त महीने में देशभर में औसतन 268.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो 2001 के बाद सातवीं सबसे अधिक और 1901 के बाद 45वीं रैंक पर है।
उत्तर-पश्चिम भारत में यह आंकड़ा 265.0 मिमी रहा, जो 2001 के बाद सर्वाधिक और 1901 के बाद 13वीं रैंक पर है।
दक्षिण भारत में 250.6 मिमी वर्षा हुई, जो 2001 के बाद तीसरी सबसे अधिक और 1901 के बाद आठवीं सबसे अधिक है।”
IMD ने बताया कि 14 अगस्त के बाद मॉनसून ने तेज़ी से रफ्तार पकड़ी, और महीने के दूसरे भाग में चार निम्न दबाव क्षेत्रों के कारण 15 दिनों तक सक्रिय से प्रबल मॉनसून की स्थिति बनी रही।