आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चीन के टियांजिन में आयोजित 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) राष्ट्राध्यक्ष परिषद सम्मेलन के सत्र को संबोधित करने जा रहे हैं. अपने इस महत्वपूर्ण संबोधन के बाद, वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे, जो भारत की वैश्विक मंच पर सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है.
शनिवार को टियांजिन पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं, जिसमें वे 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चल रहे SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में SCO के तहत क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत की रणनीति स्पष्ट करेंगे. इसके बाद वे रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसके बाद भारत के लिए प्रस्थान करेंगे.
रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी द्विपक्षीय बातचीत की. दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2024 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान कज़ान में हुई पिछली बैठक के बाद से भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक प्रगति और स्थिरता का स्वागत किया.
उन्होंने विकास साझेदार के रूप में अपने रिश्तों को रेखांकित किया और कहा कि मतभेदों को विवाद में नहीं बदला जाना चाहिए, दोनों देशों ने परस्पर सम्मान, हित और संवेदनशीलता पर आधारित स्थिर और सहयोगी रिश्ते की जरूरत पर जोर दिया, जो न केवल द्विपक्षीय विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि 21वीं सदी के अनुरूप बहुध्रुवीय विश्व और बहुध्रुवीय एशिया के लिए भी अहम है.
सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को द्विपक्षीय संबंधों के सतत विकास के लिए आवश्यक बताया गया. दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष हुई सफल तनाव कम करने की प्रक्रिया और सीमा पर शांति बनाए रखने पर संतोष व्यक्त किया.
उन्होंने सीमा विवादों को राजनीतिक दृष्टिकोण से, दोनों देशों के लंबे समय के हितों और व्यापक द्विपक्षीय रिश्तों को ध्यान में रखते हुए, न्यायसंगत और स्वीकृत समाधान तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता दोहराई. हाल ही में दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों को भी सराहा गया और उनकी कोशिशों को समर्थन देने पर सहमति बनी.
जनता के बीच संपर्क बढ़ाने पर भी चर्चा हुई, जिसमें प्रत्यक्ष उड़ानें, वीजा सुविधाएं, कैलाश मानसरोवर यात्रा का पुनरारंभ और पर्यटक वीजा जैसी पहलें शामिल हैं, जो सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूती देंगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने शी जिनपिंग को 2026 में भारत द्वारा आयोजित होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में आने का भी आमंत्रण दिया, जिसे शी ने स्वीकार करते हुए भारत के ब्रिक्स अध्यक्ष पद का समर्थन किया.
SCO में भारत 2017 से पूर्ण सदस्य है, इससे पहले 2005 से पर्यवेक्षक था। इस संगठन के सदस्य देशों में भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं.
भारत ने 2020 में SCO के सरकार प्रमुखों की परिषद और 2022-2023 में राष्ट्राध्यक्ष परिषद की अध्यक्षता भी संभाली है, जो भारत की इस संगठन में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है.
प्रधानमंत्री मोदी की यह भागीदारी क्षेत्रीय स्थिरता, सहयोग और बहुध्रुवीय वैश्विक शासन को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को उजागर करती है, जो आज के जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य में बेहद आवश्यक है.