नयी दिल्ली
आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की ऐतिहासिक जीत का जश्न एक दिल दहला देने वाली त्रासदी में बदल गया, जब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को भारी भीड़ के चलते मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए।
घटना के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और आईपीएल अधिकारियों ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें साफ कहा गया कि इस आयोजन की योजना में बड़ी चूक हुई।
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा,“यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह क्रिकेट की लोकप्रियता का दूसरा, दर्दनाक पक्ष है। आयोजकों को इस तरह के आयोजन की बेहतर योजना बनानी चाहिए थी।”
उन्होंने आगे कहा,“इस स्तर के जश्न में सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए थी। कहीं न कहीं बड़ी चूक हुई है। आईपीएल के इतने शानदार समापन के बाद इस त्रासदी ने उसकी चमक फीकी कर दी।”
सैकिया ने पिछली सफल घटनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि“जब पिछले साल केकेआर ने खिताब जीता, तब कोलकाता में शांतिपूर्ण जश्न मनाया गया। भारत की टी20 विश्व कप जीत के बाद मुंबई में लाखों की भीड़ थी, फिर भी कोई अनहोनी नहीं हुई। प्रशासन और पुलिस ने मिलकर बेहतरीन प्रबंधन किया।”
आरसीबी प्रवक्ता ने अपने बयान में घटना के लिए प्रत्यक्ष रूप से किसी को दोषी नहीं ठहराया लेकिन प्रशंसकों की भावनाओं को समझने की अपील की।
“हमने जितना हमारे हाथ में था, उसे नियंत्रित करने की कोशिश की। सरकार और प्रशासन हर स्तर पर सहयोग कर रहे थे। लेकिन जीत के जश्न में भावनाएं हावी हो गईं। हमें समझना होगा कि प्रशंसक 18 साल से इस दिन का इंतज़ार कर रहे थे।”
प्रवक्ता ने कुप्रबंधन पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया और सिर्फ इतना कहा कि“हम इन भावनाओं और इस कमजोरी के साथ सहानुभूति रखते हैं।”
आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल ने भी घटना को बेहद दुखद बताया और कहा कि
“जैसे ही हमें भगदड़ की खबर मिली, हमने आयोजकों से कार्यक्रम को तत्काल बंद करने के निर्देश दिए। यह बीसीसीआई का आयोजन नहीं था, लेकिन अगर किसी तरह की जांच की जरूरत होगी, तो वह ज़रूर की जाएगी।”
धूमल ने आगे कहा,
“मुझे नहीं पता कि यह कार्यक्रम पहले से तय था या नहीं, और क्या प्रशंसकों को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया गया था या वे स्वतः ही उमड़ पड़े। लेकिन अब सबसे जरूरी यह है कि पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई जाए और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने की ठोस योजना बने।”
18 साल के इंतज़ार के बाद मिली जीत का जश्न अगर मातम में बदल जाए, तो इसका जिम्मेदार कौन है? यह सवाल अब सिर्फ प्रशंसकों के दिलों में नहीं, बल्कि पूरे भारतीय क्रिकेट ढांचे के सामने खड़ा है। क्या इस घटना से सबक लिया जाएगा, या फिर यह भी एक बीती बात बनकर रह जाएगी?