असम में आधार कार्ड जारी करने पर रोक : एआईयूडीएफ नेता बोले, तुगलक़ी फरमान

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 23-08-2025
Ban on issuing Aadhar card in Assam: AIUDF leader said, it is Tughlaqi decree
Ban on issuing Aadhar card in Assam: AIUDF leader said, it is Tughlaqi decree

 

गुवाहाटी (असम)

असम कैबिनेट के आधार कार्ड जारी करने पर रोक लगाने के फैसले पर एआईयूडीएफ नेता रफ़ीकुल इस्लाम ने इसे ‘‘तुगलक़ी आदेश’’ करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार लोगों को वोट डालने से रोकना चाहती है।

राज्य सरकार ने गुरुवार को घोषणा की थी कि अगले एक साल तक 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को आधार कार्ड नहीं दिया जाएगा, केवल अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और चाय बागान समुदायों को छोड़कर। यह कदम अवैध विदेशियों को आधार कार्ड मिलने से रोकने के लिए उठाया गया है।

इस्लाम ने कहा, ‘‘अगर कोई विदेशी आता है तो उसे पकड़कर वापस भेजो। फिर उसे आधार कार्ड क्यों देना, वोटर लिस्ट में नाम क्यों जोड़ना और नागरिकता क्यों देना? भारतीय नागरिकों को डर के माहौल में सिर्फ़ एक महीने की मोहलत देना—ये सब तुगलक़ी आदेश हैं।’’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)’’ की प्रक्रिया असम में शुरू हो रही है और मुख्यमंत्री कुछ व्यक्तियों को टारगेट करके उन्हें आधार कार्ड और मतदाता सूची से दूर रखना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘असम कैबिनेट ने तय किया है कि आधार कार्ड 18 साल से अधिक उम्र वालों को अगले एक साल तक नहीं मिलेगा, सिवाय एसटी, एससी और चाय बागान मज़दूरों के। यदि किसी अन्य समुदाय का व्यक्ति आधार बनवाना चाहता है, तो वह सितंबर महीने में आवेदन कर सकता है।’’

सरमा ने आगे बताया कि दुर्लभ और विशेष परिस्थितियों में ज़िला आयुक्त (DC) आधार कार्ड जारी कर सकेंगे, बशर्ते स्पेशल ब्रांच और फ़ॉरेनर्स ट्रिब्यूनल की जाँच रिपोर्ट सही हो।

उन्होंने कहा, ‘‘हम लगातार बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा से पीछे धकेल रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी अवैध विदेशी असम से आधार कार्ड लेकर भारतीय नागरिक होने का दावा न कर सके। हमने उस रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया है।’’