नई दिल्ली. महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा मुगल जनरल अफ़ज़ल खान को मारने के लिए इस्तेमाल किया गया 'वाघ नख' (बाघ का पंजा) शुक्रवार, 19 जुलाई को लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय से तीन साल की अवधि के लिए भारत आएगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में एक भव्य समारोह में बाघ के पंजे को सतारा के शिवाजी संग्रहालय में रखा जाएगा.
पिछले साल अक्टूबर में, महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और उदय सामंत ने लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत 'वाघ नख' को तीन साल के लिए भारत लाने का निर्णय लिया गया.
सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि 'वाघ नख' को एक संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि लोग इसे देख सकें. उन्होंने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी बुद्धिमत्ता से 'वाघ नख' की मदद से अफजल खान को मार डाला. हम छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और इस अवसर पर महाराष्ट्र में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे."
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समझौता ज्ञापन के अनुसार, 'वाघ नख' को महाराष्ट्र के सभी जिलों में ले जाने का विचार छोड़ दिया गया है. इसके बजाय, इसे एक विशेष स्थान पर रखा जाएगा ताकि सभी लोग इसे देख सकें.
'वाघ नख' छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए इस्तेमाल किया गया था और यह महाराष्ट्र के लोगों के लिए "आस्था का प्रतीक" है. यह प्रदर्शन छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के जश्न का हिस्सा है. वाघ नख की मेजबानी के लिए सतारा संग्रहालय का चयन भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि छत्रपति शिवाजी ने सतारा में प्रतापगढ़ किले की तलहटी में अफजल खान को मार डाला था. प्रतापगढ़ की जीत शिवाजी की बहादुरी और एक सैन्य नेता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा का प्रतीक है.
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