अयोध्या
25 नवंबर को होने वाले श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य धर्म ध्वज आरोहण समारोह से पहले अयोध्या शहर और मंदिर परिसर को दिव्य पुष्प सज्जा से सजाया जा रहा है। लगभग 100 टन फूलों का उपयोग कर पूरे नगर को दैदीप्यमान बनाया जा रहा है।
मंदिर के एक पुजारी ने ANI से कहा कि तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं। उन्होंने बताया, “राम मंदिर के धर्म ध्वज समारोह की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं। सजावट की खासियत है — फूलों का व्यापक उपयोग, जो भगवान राम को अत्यंत प्रिय हैं। आज अयोध्या फूलों से जगमगा रही है। विशेष रूप से गेंदा के फूलों से भगवान गणेश और भगवान राम की प्रथम पूजा की जा रही है। लगभग 100 टन फूलों का उपयोग मंदिर और शहर को सजाने में हुआ है।”
सजावट में लगे कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे खुद को इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनकर सौभाग्यशाली मानते हैं। एक कार्यकर्ता ने बताया, “राम मंदिर की सजावट चल रही है, मंदिर निर्माण सम्पन्न हो चुका है। अब यह ध्वज समारोह का समय है। प्रधानमंत्री मोदी 25 नवंबर को आएंगे। अनेक तरह के फूल लगाए जा रहे हैं और संतों का पूरा सहयोग मिल रहा है।”
दूसरे कार्यकर्ता ने कहा, “हमें प्रभु श्रीराम के दर्शन का सौभाग्य मिला है। पिछले तीन दिनों से दिन-रात काम चल रहा है और मंदिर अत्यंत सुंदर दिखाई दे रहा है।”
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, श्रीराम मंदिर के शिखर पर भगवा धर्म ध्वज फहराएंगे। यह ऐतिहासिक क्षण देश-विदेश से भारी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित करेगा, जिससे पर्यटन, आतिथ्य, स्थानीय हस्तशिल्प और ODOP से जुड़े उत्पादों—जैसे गुड़—की बिक्री में करोड़ों रुपये का व्यापारिक लाभ होने की संभावना है।
25 नवंबर का यह ध्वजारोहण समारोह श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य निर्माण कार्य की पूर्णता का प्रतीक होगा। इसी के साथ अयोध्या का प्राचीन ध्वज, जिसे इंडोलॉजिस्ट ललित मिश्र ने शोध कर पुनः पहचान दी, अपने सही स्थान पर लौटेगा।
मिश्र ने मेवाड़ की चित्रात्मक रामायण की एक पेंटिंग में ध्वज की पहचान की थी, जिसे उन्होंने वाल्मीकि रामायण के अयोध्या कांड में भी प्रमाणित किया।
ध्वज पर तीन पवित्र प्रतीक अंकित हैं—ॐ, सूर्य, और कोविदार वृक्ष।
कोविदार वृक्ष, ऋषि कश्यप द्वारा मंदार और पारिजात के संकरण से उत्पन्न प्रजाति मानी जाती है, जो प्राचीन जैव-संकरण विज्ञान का उदाहरण है। सूर्य, श्रीराम के सूर्यवंशी वंश का प्रतीक है, और ॐ अनादि आध्यात्मिक ध्वनि का स्वरूप।
समारोह से पहले अयोध्या में व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि आने वाले भक्तों और अतिथियों का स्वागत भव्य वातावरण में किया जा सके।