गुवाहाटी
नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन में असम देश में पहले स्थान पर है। विशेष DGP (CID) मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने रविवार को बताया कि असम ने लगभग 76% स्कोर के साथ राष्ट्रीय औसत 44% को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया है। असम ने प्रशासनिक सुधार, दक्षता और ICT एकीकरण सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी अग्रणी प्रदर्शन किया है।
गुप्ता ने बताया कि 1 जुलाई 2024 से भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू किए गए। इन कानूनों का उद्देश्य न्याय की त्वरित डिलीवरी और पीड़ित-केंद्रित प्रणाली सुनिश्चित करना है। असम ने इन कानूनों को पूरी तरह लागू किया और इसका लाभ सजा दर में देखा जा सकता है, जो पहले लगभग 25% थी, अब बढ़कर 66% हो गई है।
नए कानूनों में "ज़ीरो FIR", जांच में प्रौद्योगिकी का अनिवार्य उपयोग, तलाशी और जब्ती कार्यों का वीडियो रिकॉर्डिंग, गंभीर अपराधों में फोरेंसिक साक्ष्य अनिवार्य करना, इलेक्ट्रॉनिक समन सेवा और विवाह के झूठे वादे पर यौन अपराध जैसी नई धाराएँ शामिल हैं। गुप्ता ने कहा कि असम पुलिस लगातार प्रशिक्षण और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से न्याय, जांच और अभियोजन की गुणवत्ता सुधारने में लगी हुई है।
असम की यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि नए कानूनों के क्रियान्वयन में राज्य लगातार दक्षता और प्रभावशीलता बढ़ा रहा है, और इसका उद्देश्य नागरिकों को त्वरित और न्यायपूर्ण सेवा प्रदान करना है।