एअर इंडिया हादसे के बाद चंद मिनट में सेना ने करीब 150 कर्मियों को तैनात किया: अधिकारी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 04-07-2025
Army deployed around 150 personnel within minutes after Air India crash: Official
Army deployed around 150 personnel within minutes after Air India crash: Official

 

पुणे
 
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद में पिछले महीने हुए एअर इंडिया विमान हादसे के बाद सेना ने त्वरित कार्रवाई की और दुर्घटना के कुछ ही मिनट बाद 150 से अधिक कर्मियों को बचाव अभियान के लिए तैनात किया।
 
दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने बृहस्पतिवार को कहा कि आपदा राहत अब कोई कभी-कभार होने वाला कार्य नहीं रह गया है, बल्कि यह एक परिचालनात्मक वास्तविकता बन चुकी है, जिसे ‘‘योजना बनाकर, प्रशिक्षण देकर और बिना किसी रुकावट के क्रियान्वित’’ किया जाना चाहिए।
 
उन्होंने पुणे स्थित ‘कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग’ (सीएमई) में आयोजित एक उच्च स्तरीय संगोष्ठी 'राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ढांचे में इंजीनियर्स कोर की भूमिका: जोखिम, लचीलापन और प्रतिक्रिया' में यह बात कही।
 
इस कार्यक्रम में सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया ढांचे में शामिल प्रमुख संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
 
लेफ्टिनेंट जनरल सेठ ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर देश के विस्तृत क्षेत्र में भारतीय सेना की उपस्थिति को देखते हुए, प्राकृतिक या अन्य आपदाओं का जवाब देने में यह अक्सर सबसे बेहतर स्थिति में होती है और जब नागरिक संसाधन कम पड़ जाते हैं तो यह सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाली संस्था बन जाती है।
 
उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान एआई-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद चंद मिनट में ‘‘हमने सैन्य स्टेशन से 150 से अधिक कर्मी तुरंत तैनात कर दिए गए थे...अहमदाबाद में स्थित उस डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग स्वयं दुर्घटना स्थल पर कुछ ही मिनट में पहुंच गए थे।"
 
सेठ ने कहा कि सैन्य अस्पताल और बी.के. मेडिकल कॉलेज के बीच की दीवार को तोड़ने के त्वरित निर्णय से कॉलेज परिसर में फंसे लोगों की बहुमूल्य जान बचाने में मदद मिली।
 
सेठ ने कहा कि पिछले दशक में प्राकृतिक आपदाओं के पैमाने और संख्या में स्पष्ट रूप से वृद्धि हुई है।
 
उन्होंने कहा, "ये अब छिटपुट घटनाएं नहीं रह गई हैं, बल्कि गंभीर राष्ट्रीय परिणामों के साथ बार-बार आने वाली आपदाएं हैं। असम में बाढ़, हिमाचल और वायनाड में भूस्खलन, उत्तराखंड में बादल फटना और दोनों तटों पर चक्रवात इस बढ़ती चुनौती को दर्शाते हैं।"
 
सेठ ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण भारत को 2024 में 12 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान होगा, जो पिछले 10 साल के औसत आठ अरब अमेरिकी डॉलर से कहीं अधिक है।