अमरावती
आंध्र प्रदेश पुलिस और खुफिया विभाग ने खुफिया सूचना पर आधारित समन्वित अभियान के तहत पांच जिलों से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के 50 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने बुधवार को दी।
यह कार्रवाई अल्लूरी सीतारामराजू जिले के मरेदुमिल्ली में 18 नवंबर को हुई मुठभेड़ के बाद की गई, जिसमें शीर्ष नक्सली कमांडर एम. हिडमा और पांच अन्य मारे गए थे।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी, खुफिया) महेश चंद्र लड्ढा ने विजयवाड़ा में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया, "हिडमा के मारे जाने के बाद, हमने पांच जिलों में खुफिया जानकारी पर आधारित समन्वित अभियान चलाया और भाकपा (माओवादी) के 50 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।"
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार माओवादी कार्यकर्ता दक्षिण बस्तर-दंडकारण्य क्षेत्र में सक्रिय थे। इनमें संगठन की स्पेशल जोनल समिति, डिवीजनल समिति, एरिया समिति के सदस्य और पार्टी के नियमित कार्यकर्ता शामिल हैं।
लड्ढा ने बताया कि यह अभियान कृष्णा, एलुरु, एनटीआर, काकीनाडा और कोनसीमा जिलों के साथ-साथ विजयवाड़ा शहर में भी गुपचुप और समन्वित तरीके से चलाया गया।
राज्य खुफिया विभाग, विशेष जांच शाखा (एसआईबी), जिला पुलिस इकाइयों और विजयवाड़ा आयुक्तालय के कर्मियों ने मिलकर माओवादियों की गतिविधियों की सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की।
एडीजीपी लड्ढा ने कहा कि लगातार सुरक्षा बलों के दबाव के कारण छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और पश्चिम बस्तर जिलों से कई माओवादी आंध्र प्रदेश में भागे थे, जिन्हें गिरफ्तार किया गया।
तलाशी के दौरान पुलिस ने 39 हथियार, 302 कारतूस, डेटोनेटर, कॉर्डटेक्स तार, संचार उपकरण और 13 लाख रुपये नकद बरामद किए।
लड्ढा ने कहा कि गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं में तीन विशेष जोनल समिति सदस्य और कई डिविजनल समिति सदस्य शामिल हैं। यह गिरफ्तारी माओवादी ढांचे में नेतृत्व के ध्वस्त होने का संकेत है।
उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई ने माओवादियों के पुनर्गठन के प्रयासों को विफल कर दिया और छत्तीसगढ़ एवं आंध्र प्रदेश के बीच सक्रिय माओवादी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा।
राज्य खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) के प्रमुख पी. एच. डी. रामकृष्ण ने कहा, "पूरा अभियान गोपनीयता और सटीकता के साथ संचालित किया गया। किसी भी कार्यकर्ता के भागने या किसी नागरिक को नुकसान पहुँचने की संभावना नहीं रही।"