2027 से पहले सभी ठोस कचरे का उपयोग सड़क निर्माण में होगा : नितिन गडकरी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 09-10-2025
All solid waste will be used in road construction before 2027: Nitin Gadkari
All solid waste will be used in road construction before 2027: Nitin Gadkari

 

नई दिल्ली

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश में मौजूद सारा ठोस कचरा 2027 के अंत तक सड़क निर्माण के लिए उपयोग में लाया जाएगा।गुरुवार को पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के 120वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए गडकरी ने बताया कि अब तक 80 लाख टन कचरे को अलग कर सड़क निर्माण में इस्तेमाल किया जा चुका है।

उन्होंने कहा,“कोई भी वस्तु या व्यक्ति अनुपयोगी नहीं होता। यदि सही तकनीक और नेतृत्व की सोच हो, तो कचरे को भी संपत्ति में बदला जा सकता है। हमने यह तय किया है कि 2027 से पहले देश में जितना भी ठोस कचरा होगा, उसका उपयोग सड़क निर्माण में किया जाएगा।”

दिल्ली के कचरे के पहाड़ों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा,“दिल्ली में चार बड़े कचरे के पहाड़ हैं, जो देखने में भी अच्छे नहीं लगते। अब तक 80 लाख टन कचरे को अलग किया गया है और उसे सड़कों में उपयोग किया गया है।”

जैविक ईंधन और एथनॉल को बढ़ावा

नितिन गडकरी ने बायोफ्यूल और एथनॉल आधारित ईंधन की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले पांच वर्षों में भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री विश्व में सबसे बड़ी होगी। वर्तमान में यह उद्योग 22 लाख करोड़ रुपये के आकार के साथ अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है।

उन्होंने कहा,“2014 में हमारा ऑटोमोबाइल उद्योग दुनिया में सातवें स्थान पर था, जिसका आकार 14 लाख करोड़ रुपये था। कुछ दिन पहले हमने जापान को पीछे छोड़ा और अब तीसरे नंबर पर हैं। जिस गति से हम नई तकनीक और रिसर्च से वैकल्पिक ईंधनों का उपयोग कर रहे हैं – जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल, एथनॉल, मीथेनॉल, बायोडीज़ल, एलएनजी, हाइड्रोजन – भारत अब वैश्विक ऑटोमोबाइल ब्रांड्स का केंद्र बन गया है।”

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम

गडकरी ने कहा कि उन्होंने ऑटोमोबाइल कंपनियों से स्पष्ट कहा है कि“अगर आत्मनिर्भर भारत बनाना है, तो आपको विश्व में पहले स्थान पर आना होगा। अमेरिका की ऑटो इंडस्ट्री का आकार 78 लाख करोड़ रुपये है, और चीन की 49 लाख करोड़ रुपये का। जिस तरह से हम रिसर्च और इनोवेशन ला रहे हैं, मुझे विश्वास है कि भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पांच साल में दुनिया की सबसे बड़ी होगी।”

किसानों को एथनॉल नीति से बड़ा लाभ

गडकरी ने बताया कि मक्का (कॉर्न) से एथनॉल उत्पादन के फैसले से किसानों की आय में बड़ा इजाफा हुआ है।उन्होंने कहा,“जब हमने मक्का से एथनॉल बनाने का निर्णय लिया, तब मक्का की बाजार कीमत 1200 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि एमएसपी 1800 रुपये थी। निर्णय के बाद यह बढ़कर 2800 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई। इससे उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों की आय में 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई।”

एथनॉल निर्यात की तैयारी

भारत ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य पहले ही प्राप्त कर लिया है। अब गडकरी का कहना है कि देश को एथनॉल के निर्यात की ओर बढ़ना चाहिए, क्योंकि देश में इसका उत्पादन अधिशेष (surplus) है।

सितंबर में बायोएनर्जी और तकनीकों पर दूसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में गडकरी ने कहा था,“अब समय आ गया है कि हम अपने आयात को कम करें और निर्यात को बढ़ाएं। देश में एथनॉल की पर्याप्त मात्रा है और अब आवश्यकता है कि हम इसे निर्यात करें।”

सरकार का यह प्रयास न केवल कचरा प्रबंधन को नया आयाम देगा, बल्कि सड़क निर्माण, पर्यावरण संरक्षण, किसानों की आय वृद्धि और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।