ठाणे
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में गुरुवार को विभिन्न आंबेडकरवादी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की घटना के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने इस कृत्य को “न्यायपालिका का अपमान और संवैधानिक मूल्यों पर सीधा हमला” बताया।
यह विरोध प्रदर्शन कोर्ट नाका क्षेत्र में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के पास किया गया, जिसका नेतृत्व नानासाहेब इंदिसे कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।
गौरतलब है कि 6 अक्टूबर को 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने सुप्रीम कोर्ट के कक्ष में प्रधान न्यायाधीश की ओर जूता फेंकने की कोशिश की थी। घटना के दौरान वह चिल्ला रहे थे, “सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
प्रदर्शनकारियों में शामिल राजाभाऊ चव्हाण और भास्कर वाघमारे ने ठाणे नगर पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए मांग की कि राकेश किशोर पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाए, और उन पर अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराएं भी लगाई जाएं।
इंदिसे ने आरोप लगाया कि यह कृत्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की उस विचारधारा को दर्शाता है, जो संविधान का विरोध करती रही है। उन्होंने कहा,“अगर देश के प्रधान न्यायाधीश ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है? यह घटना सिर्फ न्यायपालिका का नहीं, पूरे संविधान पर हमला है।”
प्रदर्शनकारियों ने सरकार और न्यायपालिका से इस घटना को गंभीरता से लेने की अपील की है और आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की है।