All constitutional institutions should work in accordance with the spirit of the Constitution: Chief Justice Surya Kant
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने शनिवार को कहा कि सभी संवैधानिक संस्थानों को संविधान की भावना के अनुसार काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि न्यायिक प्रक्रियाएं और अदालती फैसले नागरिकों को उनकी अपनी भाषाओं में उपलब्ध हों।
प्रधान न्यायाधीश ने यहां इस्लामिया कॉलेज परिसर में हिंदी सेवा निधि ट्रस्ट के 33वें वार्षिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह उम्मीद है कि भाषा से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “कोशिश यह होगी कि अदालती कार्यवाही चाहे वह लिखना हो, बोलना हो, बहस हो या फैसले हों, लोगों की भाषाओं में उपलब्ध हों।”
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि उच्च्तम न्यायालय इस मुद्दे पर ‘बहुत सतर्क’ है।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों के अनुसार अंग्रेजी शीर्ष अदालत की आधिकारिक भाषा बनी हुई है लेकिन भाषा के अंतर को पाटने के लिए पहले ही महत्वपूर्ण कदम उठाए जा चुके हैं।