राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
पिछले कुछ समय से चर्चाएं चल रही थीं कि निजी कारणों से अजीत डोभाल ने एनएसए के तीसरे कार्यकाल के अनिच्छा जताई है. आज उस समय इन अफवाहों पर विराम लग गया, जब केंद्र सरकार ने अजीत डोभाल को तीसरी बार एनएसए के तौर पर नियुक्त करने का ऐलान किया.
सरकार ने बताया कि अजीत डोभाल को गुरुवार को भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार फिर से नियुक्त किया गया. कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने पीके मिश्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव भी फिर से नियुक्त किया.
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा डॉ. पीके मिश्रा को पीएम का प्रधान सचिव और अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में फिर से नियुक्त करने के साथ ही, ये दोनों सेवानिवृत्त नौकरशाह प्रधानमंत्री के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधान सलाहकार बन गए हैं.
डॉ. मिश्रा जहां पीएमओ में प्रशासनिक मामलों और नियुक्तियों को संभालेंगे, वहीं डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य मामलों और खुफिया मामलों को संभालेंगे.
डॉ. पी. के. मिश्रा 1972 बैच के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, जो भारत सरकार के कृषि सचिव के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद पिछले एक दशक से प्रधानमंत्री मोदी के साथ हैं.
1968 बैच के आईपीएस अधिकारी डोभाल पीएम के लिए रणनीतिक सोच और परिचालन योजना का दुर्लभ संयोजन लेकर आते हैं. वे एक प्रसिद्ध आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञ और परमाणु मुद्दों के विशेषज्ञ हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी की. उन्होंने प्रधानमंत्री को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा संबंधी स्थिति का पूरा विवरण दिया. पीएम मोदी को आतंकवाद-रोधी प्रयासों से भी अवगत कराया गया.
बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने भारत की आतंकवाद-रोधी क्षमताओं के पूरे स्पेक्ट्रम को तैनात करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी बात की और सुरक्षा बलों की तैनाती और आतंकवाद-रोधी अभियानों पर चर्चा की.
प्रधानमंत्री ने स्थिति का जायजा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बात की और उन्हें स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई.
यह हालिया मुठभेड़ पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में हुए कई आतंकी हमलों के बाद हुई है. जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में तीन महत्वपूर्ण हमलों के साथ हिंसा में वृद्धि देखी गई हैरू रियासी आतंकी हमला, कठुआ आतंकी हमला और डोडा आतंकी हमला. पहली घटना 9 जून को हुई थी, जब आतंकवादियों ने रियासी में एक बस को निशाना बनाया, जिससे वह खाई में गिर गई, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 42 अन्य घायल हो गए. इससे पहले, जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि डोडा जिले में एक मुठभेड़ में विशेष अभियान समूह (एसओजी) का एक कांस्टेबल घायल हो गया.