आवाज द वॉयस /नूंह
हरियाणा पुलिस द्वारा फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान की गिरफ्तारी के बाद तनाव को देखते हुए नूंह में इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी है. इसके अलावा जलसा-जुलूस पर भी पाबंदी लगा दी गई है.कांग्रेस विधायक मामन खान की गिरफ्तारी
31 जुलाई को नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के सिलसिले में हुई है. इसके बाद से हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को जिले में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाओं को दो दिनों के लिए निलंबित करने का आदेश दिया.
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 15, 2023
अगले आदेश तक नूंह में धारा 14 4 लागू कर दी गई है. लोगों को शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए शुक्रवार की नमाज घर पर ही अदा करने के लिए कहा गया है.गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी वी एस एन प्रसाद द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, यह आदेश हरियाणा राज्य में जिला नूंह के अधिकार क्षेत्र में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए जारी किया गया है.
यह आदेष 15सितंबर (10.00) से से 16 सितंबर (रात 11.59 बजे तक) लागू रहेगा.”उपायुक्त, नूंह ने 14 सितंबर को अपने अनुरोध के माध्यम से संज्ञान में लाया है कि जिले में तनाव, आंदोलन, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान और सार्वजनिक शांति में गड़बड़ी पैदा होने की आशंका है.
बता दंे कि 31जुलाई को नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में आरोपी बनाए गए हरियाणा कांग्रेस विधायक मामन खान को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया.हरियाणा पुलिस का दावा है कि विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की यात्रा के बाद हुई हिंसा में उसकी संलिप्तता के पर्याप्त सबूत हैं.
फिरोजपुर झिरका के विधायक ने गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए मंगलवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. इसपर सुनवाई 19 अक्टूबर को होनी थी.मामन ने दावा किया कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया जा रहा है. जिस दिन हिंसा भड़की उस दिन वह नूंह में मौजूद भी नहीं थे.
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 15, 2023
हालांकि, हरियाणा पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि कांग्रेस नेता को सबूतों के उचित मूल्यांकन के बाद आरोपी के रूप में नामित किया गया है. उन्होंने दावा किया कि पुलिस के पास उनके मामले का समर्थन करने के लिए फोन कॉल रिकॉर्ड और अन्य सबूत हैं.
मामन को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा.इससे पहले विधायक को नूंह पुलिस ने जांच टीम के सामने पेश होने के लिए दो बार समन भेजा था. उन्होंने वायरल बुखार को कारण बताते हुए पुलिस के समन का पालन नहीं किया.विधायक के वकील के मुताबिक, खान को गुरुवार को ही एफआईआर में आरोपी के रूप में अपना नाम शामिल किए जाने के बारे में पता चला.
उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में, खान ने हरियाणा सरकार को एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने के लिए निर्देश देने की भी मांग की थी, जिसमें पुलिस महानिरीक्षक पद से नीचे के अधिकारी शामिल न हों. उन्होंने अनुरोध किया कि हिंसा से संबंधित मामलों को एसआईटी को स्थानांतरित कर दिया जाए.
31 जुलाई को, नूंह में वीएचपी के नेतृत्व वाले जुलूस पर भीड़ ने हमला किया, जिससे घातक झड़पें हुई. इसके परिणामस्वरूप छह लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. मरने वालों में गुरुग्राम की एक मस्जिद के इमाम और होमगार्ड के दो जवान भी मौजूद थे.