अफगानिस्तान ने भारत से किया यह अनुरोध

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 10-01-2025
Afghanistan made this request to India
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नई दिल्ली. भारत और तालिबान शासित अफगानिस्तान के बीच पहली उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक के कुछ घंटों बाद तालिबान ने घोषणा की कि उन्होंने भारत से अफगान व्यापारियों, मरीजों और छात्रों को वीजा जारी करने का आग्रह किया है. अफगान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हाफिज जिया अहमद ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा कि वीजा जारी करने का अनुरोध कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने बुधवार को दुबई में एक बैठक के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री को बताया.

यहां तीन सबसे बड़ी समस्याएं हैं. वीजा प्रदान करना एक कठिन कार्य है और यह मुख्यतः तीन कारणों से कठिन कार्य है. पहला, भारत सरकार तालिबान सरकार को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं देती है. दूसरा, भारतीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने अफगानिस्तान से वीजा चाहने वालों के संबंध में सुरक्षा जोखिम की धारणा को चिह्नित किया है. तीसरा, भारत सरकार के पास काबुल स्थित भारतीय दूतावास या अफगानिस्तान में किसी भी वाणिज्य दूतावास में कोई कार्यशील वीजा अनुभाग नहीं है.

भारतीय सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए, अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी और तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय पक्ष को आश्वासन दिया कि भारत की यात्रा करने वालों से कोई खतरा नहीं होगा. तालिबान ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि वीजा मिल जाए. लेकिन भारत सरकार के लिए यह एक बहुत ही कठिन मुद्दा है क्योंकि अगस्त 2021 में तालिबान के देश पर कब्जा करने के बाद से वह अफगानों को वीजा जारी करने में बहुत सख्त रही है.

विदेश मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय और उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों (जहां अफगान छात्र पहले से ही नामांकित हैं.) के सहयोग से विश्वविद्यालयों से अफगानिस्तान और विदेशों में अफगान छात्रों के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम और कक्षाएं शुरू करने को कहा था. भारत उन अफगानियों को इलाज के लिए भारत आने की अनुमति देने पर विचार कर रहा था जो इलाज के लिए भारत आना चाहते थे. कुछ अफगान व्यापारी जो दशकों से व्यापार कर रहे थे, वे भी आना चाहते थे.

तालिबान को अब अपनी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के प्रबंधन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वह चाहते हैं कि अफगानियों को इलाज के लिए भारत आने की अनुमति दी जाए. हाफिज जिया अहमद के अनुसार, दुबई में बैठक के दौरान दोनों पक्ष वीजा और व्यापार सुविधा प्रदान करने पर सहमत हुए. बैठक के संबंध में भारत सरकार के बयान में इसका उल्लेख नहीं किया गया. इसमें केवल इतना कहा गया कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अफगान जनता की तत्काल आवश्यकताओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए भारत की तत्परता से अवगत कराया.