भोपाल में 90 डिग्री मोड़ वाले ब्रिज पर कार्रवाई: मध्य प्रदेश सरकार ने 8 इंजीनियरों को किया निलंबित

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 29-06-2025
Action on 90 degree turn bridge in Bhopal: Madhya Pradesh government suspends 8 engineers
Action on 90 degree turn bridge in Bhopal: Madhya Pradesh government suspends 8 engineers

 

भोपाल

मध्य प्रदेश सरकार ने राजधानी भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र में बने एक नए रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) के ‘त्रुटिपूर्ण डिजाइन’ को लेकर कड़ा कदम उठाते हुए सात पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है, जबकि एक सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार शाम ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि ब्रिज की निर्माण एजेंसी और डिजाइन कंसल्टेंट को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और ब्रिज में जरूरी सुधार के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

नए आरओबी को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं और स्थानीय निवासियों सहित नेटिज़न्स ने इसके 90 डिग्री के तीव्र मोड़ पर सवाल उठाए हैं कि वाहन इस मोड़ को कैसे पार करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने ऐशबाग रेल ओवर ब्रिज के निर्माण में गंभीर लापरवाही को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर आठ पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।”

उन्होंने बताया कि तत्काल प्रभाव से सात इंजीनियरों को निलंबित किया गया है, जिनमें दो मुख्य यंत्री भी शामिल हैं, जबकि एक सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री के विरुद्ध विभागीय जांच होगी।

पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि जिन इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई है, वे हैं — मुख्य यंत्री संजय खांडे और जी. पी. वर्मा, कार्यकारी यंत्री (प्रभारी) जावेद शकील, उपखंड अधिकारी (प्रभारी) रवि शुक्ला, उपयंत्री उमाशंकर मिश्रा, सहायक यंत्री शानुल सक्सेना, कार्यकारी यंत्री (प्रभारी) शबाना रज्जाक और सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री एम. पी. सिंह।

सरकार ने आर्किटेक्ट फर्म एम/एस पुनीत चड्ढा और डिजाइन कंसल्टेंट एम/एस डायनामिक कंसल्टेंट को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है।

करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह आरओबी महमाई का बाग, पुष्पा नगर और स्टेशन क्षेत्र को न्यू भोपाल से जोड़ने के लिए बनाया गया था, जिससे लगभग तीन लाख लोगों को लाभ होने की उम्मीद थी।

गत सप्ताह पीडब्ल्यूडी ने एक समिति का गठन किया था जो ब्रिज पर वाहनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए समाधान सुझाएगी।

निर्माण से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि जमीन की कमी और पास ही मेट्रो स्टेशन की मौजूदगी के कारण उन्हें यह डिजाइन अपनाना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि थोड़ा और भूमि उपलब्ध हो जाए, तो इस 90 डिग्री के तीव्र मोड़ को एक बेहतर वक्र में बदला जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जब तक सुधार नहीं हो जाते, तब तक इस ब्रिज का उद्घाटन नहीं किया जाएगा।