रोग-केंद्रित जीनोमिक अध्ययनों में से करीब पांच फीसदी निम्न, मध्यम आय वाले देशों में हुए:डब्ल्यूएचओ

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 23-12-2025
About 5% of disease-focused genomic studies were conducted in low- and middle-income countries: WHO
About 5% of disease-focused genomic studies were conducted in low- and middle-income countries: WHO

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली

 
 दुनिया भर में बीमारियों पर केंद्रित 80 फीसदी से ज्यादा जीनोमिक अध्ययन उच्च आय वाले देशों में किए गए हैं, जबकि मध्यम और निम्न आय वाले देशों में ऐसे अध्ययनों की संख्या पांच प्रतिशत से भी कम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का हालिया विश्लेषण तो कुछ यही बयां करता है।
 
विश्लेषण के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के ‘इंटरनेशनल क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री’ मंच पर 1990 से 2024 के बीच वैश्विक स्तर पर 6,500 से अधिक जीनोमिक अध्ययन पंजीकृत कराए गए, जिसमें 2010 के बाद अनुक्रमण प्रौद्योगिकियों में प्रगति, लागत में कमी और व्यापक अनुप्रयोगों के कारण तेजी से वृद्धि हुई।
 
जीनोमिक अध्ययन के तहत किसी जीनोम की संरचना, कार्य प्रणाली, विकास और अनुक्रमण का अध्ययन किया जाता है।
 
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 1990 से 2024 के बीच ‘इंटरनेशनल क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री’ में सबसे ज्यादा जीनोमिक अध्ययन पंजीकृत कराने वाले देशों में चीन पहले, अमेरिका दूसरे और इटली तीसरे पायदान पर है, जबकि भारत शीर्ष 20 देशों में शामिल है।