आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने केआईआईटी-भुवनेश्वर में विद्यार्थियों के आत्महत्या की घटनाओं की जांच कर रही तथ्यान्वेषी समिति द्वारा विश्वविद्यालय की ओर से गंभीर चूक का इशारा किये जाने के बाद सोमवार को उसे (केआईआईटी -भुवनेश्वर) कारण बताओ नोटिस जारी किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
‘कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी-भुवनेश्वर)’ की 20 वर्षीय नेपाली छात्रा अपने छात्रावास के कमरे में फंदे से लटकी हुई पाई गई थी। उसके बाद यूजीसी ने मई में तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया था.
यह घटना उसी संस्थान की एक अन्य नेपाली विद्यार्थी प्रकृति लामसाल के 16 फरवरी को आत्महत्या करने के बाद हुई थी.
यूजीसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इस घटना ने संस्थान में मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रणाली, सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रशासनिक प्रतिक्रिया तंत्र के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा की हैं. आत्महत्या की इन घटनाओं की जांच के लिए यूजीसी द्वारा गठित तथ्यान्वेषी समिति ने गंभीर लापरवाहियों की पहचान की है, जिनकी वजह से ये घटनाएं हुईं.’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और जवाब देने के लिए उसे सात दिन का समय दिया गया है। ऐसा न करने पर यूजीसी अनुशासनात्मक कार्यवाही समेत उचित कार्रवाई करने के लिए बाध्य हो सकता है.’’
यूजीसी ने चेतावनी दी है कि इस ‘डीम्ड यूनिवर्सिटी’ संस्थान को सार्वजनिक सूचना के साथ लिखित रूप में चेतावनी दी जाएगी या तीन साल या उससे अधिक समय तक विविधीकरण के संदर्भ में किसी भी विस्तार पर रोक लगा दी जाएगी.
यूजीसी ने कहा, ‘‘आयोग पाठ्यक्रमों या अध्ययन कार्यक्रमों या विभागों, परिसर से बाहर के संस्थानों, घटक संस्थानों या विदेशी परिसरों को बंद करने का आदेश दे सकता है या ‘डीम्ड यूनिवर्सिटी’ संस्थान का दर्जा वापस ले सकता है.