आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत में ‘‘नकली रेबीज टीके’’ के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया द्वारा चेतावनी जारी करने के कुछ दिनों बाद, 'अभयराब' टीका बनाने वाली निर्माता कंपनी ने स्पष्ट किया कि ऑस्ट्रेलिया द्वारा व्यक्त की गई चिंता जनवरी 2025 में चिह्नित एक विशिष्ट बैच से संबंधित है और इसके खिलाफ व्यापक चेतावनी जारी करने की आवश्यकता नहीं है।
टीका निर्माता कंपनी ‘इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड’ (आईआईएल) ने कहा कि मौजूदा स्वरूप में जारी की गई सलाह से आम जनता और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच चिंता और अविश्वास पैदा होने की आशंका है। कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया सरकार से इस परामर्श पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
टीकाकरण संबंधी ऑस्ट्रेलियाई तकनीकी सलाहकार समूह (एटीएजीआई) ने लगभग एक सप्ताह पहले कहा था कि ऑस्ट्रेलियाई यात्री जिन्हें एक नवंबर, 2023 के बाद भारत में रेबीज रोधी टीका अभयराब लगाया गया है, उन्हें इस टीकाकरण को अमान्य मानना चाहिए और नए सिर से टीकाकरण कराना चाहिए।
आईआईएल ने एटीएजीआई को पत्र लिखकर मार्च 2024 में निर्मित टीके के एक बैच के ‘‘जरूरत से अधिक सावधानी बरतते हुए दिए गए गलत संदर्भ’’ का पुरजोर खंडन करते हुए कहा है कि उसने जनवरी 2025 में एक विशिष्ट बैच में पैकेजिंग संबंधी विसंगति को चिह्नित किया था, भारतीय नियामकों और कानून लागू करने वाली एजेंसियों को सूचित किया था, एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया था।
पच्चीस दिसंबर को भेजे गए पत्र में कहा गया है, ‘‘नकली टीके संबंधी जिस घटना का उल्लेख किया गया है, उसमें अभयराब, बैच संख्या केए24014 (निर्माण तिथि: मार्च 2024; समाप्ति तिथि: फरवरी 2027) शामिल है, जिसकी पहचान हमने जनवरी 2025 की शुरुआत में की थी। यह आईआईएल के टीके के इतिहास में इस तरह की पहली घटना है।’’
टीका निर्माता कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यह ‘‘कभी-कभार होने वाली घटना’’ थी और ‘‘नकली खेप अब दुकानों में उपलब्ध नहीं है।’’