इंदौर की गलियों से न्यूयॉर्क स्ट्रीट तक जाकिर खान का जादू, क्रेज़ी फैंस सोशल मीडिया पर मना रहे जश्न

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 19-08-2025
Zakir Khan's magic at Madison Square Garden, crazy fans are celebrating on social media
Zakir Khan's magic at Madison Square Garden, crazy fans are celebrating on social media

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली

भारत के मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन जाकिर खान ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित मैडिसन स्क्वायर गार्डन में बतौर पहले भारतीय कॉमेडियन हिंदी स्पेशल शो कर धमाल मचाया. शो पूरी तरह से हाउसफुल रहा और इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न सिर्फ कॉमेडी जगत बल्कि उनके चाहने वालों के दिलों में भी गर्व और खुशी की लहर दौड़ा दी है.

अपने सेट के बीच में, खान भावुक हो गए और अपने माता-पिता को वीडियो कॉल करने के लिए अपना फ़ोन निकाला. जयकार कर रही भीड़ की ओर कैमरा दिखाते हुए, उन्होंने अपने पिता से कहा: "पापा, ये आपसे कुछ कहना चाहते हैं." इस पर वहाँ मौजूद सभी लोग ज़ोरदार तालियाँ बजाने लगे और हँसने लगे. उनके माता-पिता हाथ हिलाकर और हाथ जोड़कर भीड़ का अभिवादन करते नज़र आए. 

सोशल मीडिया पर उनके फैंस जश्न मना रहे हैं. इंस्टाग्राम से लेकर ट्विटर तक, हर जगह जाकिर खान की तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं. लोग लगातार उनके शो के वीडियो क्लिप्स, तस्वीरें और रील्स शेयर कर रहे हैं. कई फैंस ने उन्हें "भारत का असली उस्ताद" और "हिंदी स्टैंड-अप का शेर" कहते हुए गर्व जताया.

जाकिर खान की इस ऐतिहासिक सफलता पर मशहूर कॉमेडियंस हसन मिन्हाज और मुनव्वर फारूकी समेत कई कलाकारों ने भी बधाई दी है. वहीं उनके चाहने वालों का कहना है कि जाकिर ने साबित कर दिया कि हिंदी भाषा और भारतीय हास्य की ताकत अब पूरी दुनिया तक पहुँच चुकी है.

ज़ाकिर खान ने न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध मैडिसन स्क्वायर गार्डन में हिंदी स्टैंड-अप शो की शुरुआत करने वाले पहले भारतीय हास्य कलाकार बनकर इतिहास रच दिया. इंदौर के 37वर्षीय ज़ाकिर ने 6,000दर्शकों के सामने प्रस्तुति दी, जिसने वैश्विक मंच पर भारतीय स्टैंड-अप और हिंदी कॉमेडी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण को चिह्नित किया.

इस क्षण को और भी महत्वपूर्ण बनाते हुए, साथी हास्य कलाकार हसन मिन्हाज ने ज़ाकिर के साथ मंच पर उनका उत्साहवर्धन किया और इसे "दुनिया भर की कॉमेडी के लिए एक ऐतिहासिक रात" बताया.

सोशल मीडिया पर पर्दे के पीछे की तस्वीरें और एक भावुक नोट साझा करते हुए, हसन ने इस शैली को नई परिभाषा देने के लिए अपने "भाई ज़ाकिर भाई" की प्रशंसा की: "वह कहानी कहने और कविता को इस तरह से जोड़ते हैं कि कॉमेडी की शैली को मैंने पहले कभी नहीं देखा. मुझे यह भी लगता है कि मेरे माता-पिता मुझसे ज़्यादा उन्हें प्यार करते हैं (मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है)."

ज़ाकिर ने भी इंस्टाग्राम पर अपनी खुशी ज़ाहिर की और इस रात को एक "बड़ा दिन" और "एक ख़ास उपलब्धि" बताया. उन्होंने अपने दोस्तों और टीम का उनके साथ खड़े रहने के लिए शुक्रिया अदा किया.

यह शो, जो उनके चल रहे उत्तरी अमेरिकी दौरे का हिस्सा था, में साथी कॉमेडियन तन्मय भट्ट ने ज़ाकिर के अवलोकनात्मक हास्य, भावनात्मक गहराई और काव्यात्मक शायरी के अनूठे मिश्रण को प्रदर्शित किया - एक ऐसी शैली जिसने उन्हें घर-घर में जाना जाने लगा.

इस ऐतिहासिक प्रदर्शन की तैयारी भी उतनी ही प्रभावशाली थी. ज़ाकिर के पोस्टर टाइम्स स्क्वायर के बिलबोर्ड पर छा गए, और वे प्रमुख अमेरिकी मीडिया संस्थानों में भी दिखाई दिए, जहाँ उन्होंने हिंदी कॉमेडी को उस जगह तक ले जाने के महत्व पर बात की, जो लंबे समय से वैश्विक हस्तियों का पर्याय रही है.

इस दौरे के एक हिस्से के रूप में, उन्होंने न्यूयॉर्क में एक कुकिंग सेशन के लिए सेलिब्रिटी शेफ विकास खन्ना के साथ भी काम किया, जिससे इस सफ़र में सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक नया आयाम जुड़ गया.

फॉक्स 5 के साथ एक साक्षात्कार में, ज़ाकिर ने स्वीकार किया कि वह पल अब भी अवास्तविक लगता है: "मैडिसन स्क्वायर गार्डन कभी भी योजना का हिस्सा नहीं था - ऐसा लगा जैसे यह इंदौर के लड़कों के लिए नहीं, बल्कि बड़े फिल्मी सितारों के लिए जगह है. लेकिन कभी-कभी ज़िंदगी आपके सपनों से भी आगे निकल जाती है."

जाकिर खान की इस उपलब्धि को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार बधाइयों और प्रशंसा के संदेशों की बाढ़ आ गई है. फैंस का कहना है कि यह पल सिर्फ जाकिर के लिए नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है.

 

खान को पहली बार 2012 में कॉमेडी सेंट्रल इंडिया का सर्वश्रेष्ठ स्टैंड-अप खिताब जीतने के बाद प्रसिद्धि मिली, और तब से वे 'हक से सिंगल', 'तथास्तु' और 'चाचा विधायक हैं हमारे' जैसे प्रशंसित विशेष कार्यक्रमों के साथ देश की सबसे पहचानी जाने वाली कॉमेडी आवाज़ों में से एक बन गए हैं. रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर उनके ज़मीनी, सहज और हिंदी में प्रस्तुत विचारों ने नई पीढ़ी के लिए भारतीय स्टैंड-अप को नए सिरे से परिभाषित करने में मदद की है.