The journey of learning music in Bollywood films: From 'Rockstar' to 'Hum Dil De Chuke Sanam'
ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
बॉलीवुड फिल्मों में संगीत का एक अलग ही आकर्षण है, जहां कई बार पात्र संगीत सीखने और उसे अपनाने के लिए अपने जीवन को बदलते हुए दिखाए जाते हैं. कुछ फिल्में तो पूरी तरह से इस सफर पर आधारित होती हैं, जिसमें मुख्य पात्र संगीत में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करते हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसी बॉलीवुड फिल्मों के बारे में जहां पात्र संगीत सीखने के सफर पर निकलते हैं, जैसे 'रॉक्स्टार' और 'हम दिल दे चुके सनम'.
आशिकी 2 (2013)
निर्देशक: मोहित सूरी
कलाकार: आदित्य रॉय कपूर, श्रद्धा कपूर
संगीत: अंकित तिवारी, मिथून, अम्जद-नदीम
'आशिकी 2' बॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म है, जो संगीत और प्रेम को एक गहरे और भावनात्मक स्तर पर जोड़ती है। यह फिल्म एक गायक के संघर्ष, उसकी आत्मसमर्पण की भावना और उसके रिश्ते में आई समस्याओं को दर्शाती है। इस फिल्म ने न केवल अपने संगीत से दिल छुआ, बल्कि इसमें दिखाए गए प्रेम और त्याग की कहानी ने भी दर्शकों को प्रभावित किया।
'आशिकी 2' की कहानी एक प्रसिद्ध गायक राहुल (आदित्य रॉय कपूर) की है, जो शराब और नशे की आदतों से जूझता है। वह एक समय में सबसे बड़े हिट सिंगर हुआ करता था, लेकिन उसकी बुरी आदतों के कारण उसका करियर ढलान पर है। राहुल की जिंदगी में एक मोड़ आता है जब वह आरण्या (श्रद्धा कपूर) नाम की एक साधारण लड़की से मिलता है, जो एक बहुत ही प्रतिभाशाली गायक होती है, लेकिन अभी तक किसी को अपनी आवाज़ नहीं दिखा पाई है।
राहुल आरण्या को अपने साथ जोड़ता है और उसकी गायन क्षमता को पहचानता है। वह उसे संगीत की दुनिया में एक नया मुकाम दिलाने की कोशिश करता है। इसके दौरान आरण्या का करियर ऊंचाई पर पहुंचता है, लेकिन राहुल की नशे की आदतों के कारण उनका संबंध भी तनावपूर्ण हो जाता है। आरण्या राहुल के लिए बहुत कुछ करती है, लेकिन उसका जीवन और करियर राहुल की बुरी आदतों के कारण बुरी तरह प्रभावित हो जाता है।
रॉक्स्टार (2011)
निर्देशक: इम्तियाज अली
कलाकार: रणबीर कपूर, नर्गिस फाखरी
यह फिल्म एक युवा लड़के, जॉर्डन (रणबीर कपूर) की कहानी है, जो संगीत में अपनी पहचान बनाने के लिए बहुत संघर्ष करता है. जॉर्डन के जीवन में संगीत केवल एक कला नहीं, बल्कि उसकी आत्मा की आवाज बन जाता है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे जॉर्डन एक आम लड़के से एक रॉकस्टार बनने की यात्रा पर निकलता है, और इस सफर में उसे संगीत से जुड़ी कई कठिनाइयाँ और प्रेरणाएँ मिलती हैं.
'मोहोब्बतें' (2000)
निर्देशक: आदित्य चोपड़ा
कलाकार: शाहरुख़ ख़ान, अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, जूही चावला
संगीत: जतीन-ललित
"मोहोब्बतें" फिल्म शाहरुख़ ख़ान की एक बेहद रोमांटिक और भावनात्मक कहानी है, जिसमें संगीत की अहम भूमिका है. यह फिल्म प्यार, प्रतिबद्धता और आज़ादी के बीच के संघर्ष को दिखाती है, और इसके संगीत ने फिल्म को और भी खास बना दिया. 'मोहोब्बतें' के गाने, जैसे "प्यार की dua", "छलके तेरा पानी", और "सांसें", फिल्म के भावनात्मक दृश्यों को जीवंत कर देते हैं.
इन गीतों के माध्यम से न केवल प्रेम की गहरी भावना को व्यक्त किया गया, बल्कि संगीत ने उस समय की नाजुक भावनाओं को भी सजीव किया. फिल्म का संगीत दर्शकों को एक अलग ही दुनिया में ले जाता है, जहां प्रेम और समर्पण की ताकत से जुड़ी हर बात गाने के जरिए महसूस की जा सकती है. शाहरुख़ ख़ान के अभिनय और संगीत के इस मेल ने "मोहोब्बतें" को एक कालातीत रोमांटिक फिल्म बना दिया.
'ताल' (1999)
निर्देशक: सुभाष घई
कलाकार: अक्षय खन्ना, अनिल कपूर, ऐश्वर्या राय
संगीत: ए. आर. रहमान
'ताल' एक ऐसी फिल्म है जो न केवल संगीत से भरी हुई है, बल्कि इसमें प्यार, संघर्ष, और कलाकारों की पहचान बनाने की एक दिलचस्प यात्रा भी दिखाई गई है. इस फिल्म में अक्षय खन्ना, अनिल कपूर, और ऐश्वर्या राय की शानदार अभिनय जोड़ी है, और इसका संगीत ए. आर. रहमान द्वारा रचित है, जो इस फिल्म को और भी यादगार बनाता है.
फिल्म की कहानी माया (ऐश्वर्या राय), एक गांव की लड़की की है, जो शास्त्रीय संगीत में बहुत माहिर होती है. माया का जीवन संगीत के प्रति प्रेम और समर्पण से भरा हुआ है, और उसकी कहानी एक संघर्ष की यात्रा है.
माया का गुरु उदय (अनिल कपूर) एक प्रसिद्ध संगीतकार है, जो उसे अपने संगीत में गहरी रुचि और प्रेरणा देता है. लेकिन माया की जिंदगी में एक मोड़ तब आता है जब वह विवान (अक्षय खन्ना) से मिलती है, जो एक युवा और प्रतिभाशाली संगीतकार है. विवान, माया से प्यार करता है और उसके साथ संगीत के सफर पर निकलता है, लेकिन इसके बीच माया को अपनी पहचान और संगीत की स्वतंत्रता के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है.
हम दिल दे चुके सनम (1999)
निर्देशक: संजय लीला भंसाली
कलाकार: सलमान खान, ऐश्वर्या राय, अजय देवगन
यह फिल्म एक संगीत प्रधान कहानी है, जिसमें सलमान खान (समीर) संगीत सीखने के लिए ऐश्वर्या राय (नंदिनी) के पिता से प्रशिक्षण प्राप्त करता है. नंदिनी का पिता एक महान शास्त्रीय संगीतज्ञ होता है, और फिल्म में समीर की संगीत यात्रा और नंदिनी के साथ रिश्ते का रोमांटिक ड्रामा बहुत खूबसूरती से दिखाया गया है. समीर संगीत को एक साधना के रूप में अपनाता है, लेकिन उसकी यात्रा आसान नहीं होती.
दिल तो पागल है (1997)
निर्देशक: आदित्य चोपड़ा
कलाकार: शाहरुख़ ख़ान, माधुरी दीक्षित, करिश्मा कपूर
संगीत: जतिन-ललित
बॉलीवुड फिल्म 'दिल तो पागल है' एक ऐसी फिल्म है, जिसने न केवल रोमांस, बल्कि संगीत और नृत्य के जरिए भावनाओं को बेहद खूबसूरत तरीके से व्यक्त किया. यह फिल्म आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित एक रोमांटिक ड्रामा है, जो 90 के दशक के अंत में एक बड़े हिट के रूप में सामने आई. इस फिल्म में संगीत, नृत्य, और रिश्तों का अनोखा मिश्रण है, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया.