IFFI में चमकेंगी बहाल क्लासिक फिल्मों की विरासत

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 21-11-2025
'Umrao Jaan' and 'Pyaasa' among classics restored at IFFI
'Umrao Jaan' and 'Pyaasa' among classics restored at IFFI

 

पणजी

रेखा अभिनीत ‘उमराव जान’, गुरु दत्त की ‘प्यासा’ और ऋत्विक घटक की ‘सुवर्णरेखा’ सहित दस बहाल की गई क्लासिक फ़िल्में 20 से 28 नवंबर तक यहां आयोजित होने वाले 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव (IFFI) में प्रदर्शित की जाएंगी।

फिल्म संरक्षण, बहाली और पोस्ट-प्रोडक्शन में वैश्विक अग्रणी प्रसाद ने NFDC–NFAI के साथ मिलकर इन प्रतिष्ठित फिल्मों को बारीकी से पुनर्स्थापित किया है, जो भारतीय सिनेमा की सबसे सशक्त रचनात्मक आवाज़ों का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह जानकारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई।

मुज़फ़्फ़र अली की दो फ़िल्में—‘उमराव जान’ और ‘गमन’—को बहाल कर क्रमशः 21 और 22 नवंबर को दिखाया जाएगा। कल्पना लाज्मी निर्देशित ‘रूदाली’, जिसमें डिम्पल कपाड़िया ने अभिनय किया है, का बहाल संस्करण भी 22 नवंबर को स्क्रीन होगा।ऋत्विक घटक की ‘सुवर्णरेखा’ और 1951 की फ़िल्म ‘मुरलीवाला’ 23 नवंबर को दिखायी जाएंगी।

गोविंद निहलानी की 1984 की फ़िल्म ‘पार्टी’ और गुरु दत्त की 1957 की क्लासिक ‘प्यासा’ 24 नवंबर को प्रदर्शित होंगी। वहीं श्याम बेनेगल की 1987 की फ़िल्म ‘सू़समान’ और सिबी मलयिल की ‘किरिदम’ 27 नवंबर को दिखाई जाएंगी। हृषिकेश मुखर्जी की 1957 की फ़िल्म ‘मुसाफ़िर’ महोत्सव के अंतिम दिन प्रदर्शित की जाएगी।

प्रसाद की टीम ने डिजिटल रिस्टोरेशन, कलर ग्रेडिंग और फाइनल मास्टरिंग व क्वालिटी चेक की मदद से हर फ्रेम, टेक्सचर और ध्वनि विवरण को मूल निर्देशकीय दृष्टि के अनुरूप संरक्षित किया है।

प्रसाद के निदेशक और CTO अभिषेक प्रसाद ने कहा,“इन फ़िल्मों को पुनर्स्थापित करना हमारे लिए ज़िम्मेदारी भी है और सम्मान भी। हर शीर्षक अपने भीतर भारत की सांस्कृतिक स्मृति का एक हिस्सा समेटे हुए है—वे कला, साहस और रचनात्मकता जिनसे हमारे सिनेमा की भाषा बनी। प्रसाद में हम इन कहानियों को सम्मान और तकनीकी उत्कृष्टता के साथ संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। IFFI में इनका नए दर्शकों तक पहुँचना हमारे काम की सबसे सार्थक पहचान है।”