नई दिल्ली | आवाज़ द वॉयस
बॉलीवुड के वर्सेटाइल और ज़मीन से जुड़े अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक बार फिर इंडस्ट्री में चल रही दिखावे और ओवरस्टाफिंग की संस्कृति पर खुलकर बोले हैं। हाल के दिनों में सेलेब्रिटीज़ के साथ बड़ी संख्या में स्टाफ और जिम बैग ले जाने को लेकर चल रही बहस के बीच नवाजुद्दीन ने साफ कहा है कि उन्हें छोटी टीम के साथ काम करना पसंद है और जिम बैग खुद ले जाने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी उन कलाकारों में से हैं जो इंडस्ट्री के स्थापित रिवाजों को आंख मूंदकर स्वीकार नहीं करते। चाहे बात फिल्मों के चयन की हो या सेट पर काम करने के तौर-तरीकों की—नवाज हमेशा अपनी सोच बेझिझक रखते आए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने बड़ी टीम के साथ ट्रैवल करने और हर विभाग में कई-कई असिस्टेंट रखने की परंपरा पर सवाल उठाए।
51 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि उनके अनुभव में कम लोगों की टीम ज़्यादा प्रभावी ढंग से काम करती है। उनके मुताबिक, “असल में मुझे अपने साथ कम लोग रखना पसंद है। छोटी टीम में हर किसी की ज़िम्मेदारी साफ होती है और काम बेहतर तरीके से होता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि ओवरस्टाफिंग अक्सर काम की रफ्तार और क्रिएटिविटी दोनों को नुकसान पहुंचाती है।
नवाजुद्दीन का मानना है कि जब एक सीमित टीम अपने काम को अच्छी तरह अंजाम दे सकती है, तो फिर अनावश्यक रूप से लोगों की संख्या बढ़ाने का कोई तर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि कई बार ज्यादा लोगों के होने से न सिर्फ काम बंट जाता है, बल्कि क्रिएटिव गोल भी अधूरे रह जाते हैं।
हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि हर अभिनेता का अपना कम्फर्ट ज़ोन और काम करने का तरीका होता है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत पसंद को गैर-ज़रूरी या बढ़ा-चढ़ाकर की गई मांगों में नहीं बदलना चाहिए। उनके अनुसार, प्रोफेशनल एटीट्यूड का मतलब यह समझना है कि किसी प्रोजेक्ट के लिए वास्तव में क्या ज़रूरी है।
नवाजुद्दीन ने इस मुद्दे को एक्टर और प्रोड्यूसर के आपसी समझ का विषय बताते हुए कहा कि अगर कोई प्रोड्यूसर किसी कलाकार की मांग मानकर संतुष्ट है, तो उस पर सवाल उठाना उनका काम नहीं। लेकिन व्यक्तिगत रूप से वह सादगी, सीमित संसाधनों और छोटी टीम के साथ काम करने में ही विश्वास रखते हैं—जहां काम प्राथमिकता होता है, न कि दिखावा।






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