आवाज़ द वॉयस | नई दिल्ली
बॉलीवुड सुपरस्टार और ‘भाईजान’ के नाम से मशहूर सलमान खान को उनके जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले अदालत से बड़ा झटका लगा है। कोटा जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने पान मसाला विज्ञापन से जुड़े एक मामले में सलमान खान को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है। साथ ही, अदालत ने उनके हस्ताक्षरों की फॉरेंसिक जांच कराने का आदेश देकर मामले की कानूनी जांच को और सख्त कर दिया है।
यह आदेश उस आपत्ति के बाद पारित किया गया, जिसमें अदालत में जमा कराए गए दस्तावेज़ों—पावर ऑफ अटॉर्नी और लिखित जवाब—पर मौजूद सलमान खान के हस्ताक्षरों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए गए थे। शिकायतकर्ता, भाजपा नेता और अधिवक्ता इंद्रमोहन सिंह ‘हनी’ का आरोप है कि पेश किए गए हस्ताक्षर असली नहीं हैं और जोधपुर में पूर्व अदालती कार्यवाहियों तथा कारावास के दौरान दर्ज हस्ताक्षरों से मेल नहीं खाते।
आपत्ति स्वीकार करते हुए उपभोक्ता आयोग ने निर्देश दिया कि हस्ताक्षरों की जांच राज्य-प्राधिकृत एजेंसी या फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) से कराई जाए। यह आदेश उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 38(9)(d) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 73(2) के तहत पारित किया गया है।
यह याचिका कोटा उपभोक्ता अदालत में सलमान खान और राजश्री पान मसाला के खिलाफ दायर की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि विज्ञापन में “केसर युक्त इलायची” का दावा भ्रामक है, क्योंकि कम कीमत वाले पान मसाला पाउच में केसर मिलाया जाना व्यावहारिक नहीं है। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि ऐसे विज्ञापन उपभोक्ताओं को गुमराह करते हैं, युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और पान मसाला के सेवन से गंभीर स्वास्थ्य जोखिम जुड़े हैं।
सलमान खान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। 27 नवंबर को दायर अपने जवाब में उन्होंने शिकायत को निराधार बताते हुए कहा कि इस तरह के मामलों का अधिकार क्षेत्र केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के पास होना चाहिए। उनकी कानूनी टीम का कहना है कि विज्ञापन चांदी-लेपित इलायची का है, न कि केसर युक्त पान मसाला का, और लगाए गए सभी आरोप भ्रामक हैं। 9 दिसंबर को भी उन्होंने दोहराया कि हस्ताक्षर पूरी तरह असली हैं और उनके पैन कार्ड व पासपोर्ट से मेल खाते हैं।
मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी, जिसमें फॉरेंसिक जांच की प्रक्रिया, सलमान खान की व्यक्तिगत उपस्थिति और आगे की कानूनी कार्यवाही पर विचार किया जाएगा। यह मामला सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट और उपभोक्ता संरक्षण कानूनों के लिहाज से देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।