आवाज़ द वॉयस | नई दिल्ली
रोहिंग्या भाषा में बनी फिल्म ‘लॉस्ट लैंड’ ने सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित 5वें रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इतिहास रच दिया है। इस फिल्म को फेस्टिवल का सर्वोच्च सम्मान ‘गोल्डन यूजर’ (सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म) प्रदान किया गया।
जापानी निर्देशक अकियो फुजिमोटो द्वारा निर्देशित लॉस्ट लैंड को गुरुवार रात आयोजित भव्य पुरस्कार समारोह में यह सम्मान मिला। गोल्डन यूजर ट्रॉफी के साथ-साथ फिल्म के निर्माता अकियो फुजिमोटो को 1 लाख अमेरिकी डॉलर की नकद राशि भी दी गई।
लॉस्ट लैंड रोहिंग्या भाषा में बनी पहली पूर्ण-लंबाई की फीचर फिल्म है, जो म्यांमार में उत्पीड़न झेल चुके रोहिंग्या समुदाय के दर्द, विस्थापन और संघर्ष की मार्मिक कहानी कहती है। फिल्म की कहानी चार साल के शफी और उसकी नौ साल की बहन सोमिरा के इर्द-गिर्द घूमती है, जो बांग्लादेश के एक शरणार्थी शिविर से निकलकर मलेशिया में अपने परिवार तक पहुंचने की खतरनाक और संघर्षपूर्ण यात्रा पर निकलते हैं।
गोल्डन यूजर पुरस्कार की घोषणा करते हुए जूरी अध्यक्ष शॉन बेकर ने कहा,
“यह फिल्म विस्थापित बच्चों की त्रासदी को असाधारण मानवता और गहरी काव्यात्मक संवेदना के साथ प्रस्तुत करती है। इसकी तात्कालिकता और सच्चाई दर्शकों को भीतर तक झकझोर देती है।”
रेड सी फिल्म फेस्टिवल से पहले ही लॉस्ट लैंड को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर व्यापक सराहना मिल चुकी है। इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर वेनिस फिल्म फेस्टिवल के होराइजन्स सेक्शन में हुआ था, जहां इसे स्पेशल जूरी पुरस्कार से नवाज़ा गया। इसके अलावा, फिल्म ने इस साल के एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवॉर्ड्स में भी जूरी ग्रैंड प्राइज अपने नाम किया।
लॉस्ट लैंड की यह ऐतिहासिक जीत न सिर्फ रोहिंग्या सिनेमा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह दुनिया के सामने विस्थापित समुदायों की पीड़ा और मानवीय संकट को प्रभावशाली ढंग से रखने की एक मजबूत कोशिश भी मानी जा रही है।