नई दिल्ली
शादी-विवाह का मौसम अपने पूरे शबाब पर है। जगमगाती सजावट, खूबसूरत परिधान, रिश्तेदारों की चहल-पहल और सबसे ज़रूरी—स्वादिष्ट भोजन—इन सबके बिना भारतीय शादियाँ अधूरी हैं। लेकिन जहाँ आम लोग शादी के निमंत्रण को तरह-तरह के पकवान चखने का सुनहरा मौका मानते हैं, वहीं बॉलीवुड निर्देशक-निर्माता करण जौहर का अनुभव इससे बिल्कुल उलटा है। उन्होंने खुलासा किया कि वे आज तक किसी भी शादी में खाना नहीं खाते!
हाल ही में एक टॉक शो में करण जौहर, अभिनेत्री कृति खरबंदा और अभिनेता पुलकित सम्राट के साथ उनकी शादी को लेकर बातचीत कर रहे थे। चर्चा के दौरान करण ने उनसे पूछा कि शादी में उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ क्या होती है? दोनों ने बिना देर किए जवाब दिया—“अच्छा और स्वादिष्ट खाना।”
इसके बाद बात स्वाभाविक रूप से शादी की दावतों पर जा पहुंची, जहां मेहमान आम तौर पर कम से कम दो-तीन व्यंजन चख ही लेते हैं। लेकिन करण जौहर ने खुद के बारे में एक बिल्कुल अलग बात बताई।
उन्होंने कहा,“मैं शादियों या किसी भी समारोह में खाना नहीं खाता। मुझे खाने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना बहुत असहज लगता है। मुझे हाथ में प्लेट लेकर खड़े होकर खाना पसंद नहीं है। इसीलिए मैं शादियों में कभी नहीं खाता।”
करण जौहर का यह बयान दिलचस्प इसलिए भी है, क्योंकि उनकी फिल्मों में शादी के दृश्य भव्य सेट, रंगीन परिधान, भावनाओं और नाटकीयता का बेहतरीन मिश्रण होते हैं। वे अपनी फिल्मों में शाही शादी की भव्यता को खास अंदाज़ में पेश करते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में शादी के खाने से दूरी बनाए रखते हैं।
कुछ समय पहले ही करण जौहर को उद्योगपति राजू मंटेना की बेटी नेत्र मंटेना की शादी की मेजबानी करते हुए भी देखा गया था। भव्य आयोजनों का हिस्सा होने के बावजूद, करण का यह अनोखा निजी नियम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।






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