नई दिल्ली
लेखिका और उद्यमी बीना रमानी ने एक दिलचस्प खुलासा करते हुए बताया कि हिंदी सिनेमा के शाश्वत स्टार शम्मी कपूर अपने सुपरहिट ‘याहू’ वाले ऑन-स्क्रीन इमेज को बिल्कुल पसंद नहीं करते थे। जिस छवि ने उन्हें करोड़ों दिलों का चहेता बनाया, उसी से वे निजी तौर पर बेहद असहज थे।
ANI से बातचीत में बीना रमानी ने कहा कि शम्मी कपूर की वास्तविक शख्सियत उनके फिल्मी छवि से बिल्कुल अलग थी।जब उनसे ‘याहू’ इमेज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया,“उन्हें अपना ‘याहू’ इमेज बिलकुल पसंद नहीं था। वे कहते थे—मैं यह सब इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि मेरे प्रोड्यूसर मुझसे पैसा कमाते हैं। वे चाहें तो मुझे ऐसे ही रोल देते रहते हैं।”
रमानी के अनुसार, शम्मी कपूर अच्छी तरह समझते थे कि इंडस्ट्री उनसे क्या चाहती है और वे वास्तव में कौन थे—दोनों में बड़ा अंतर था।
उन्होंने बताया कि कपूर कहा करते थे,“ये रोल मेरे ऊपर फिट बैठता है, इसलिए मुझे दर्शकों के लिए इसे निभाना पड़ता है। एक के बाद एक, हर फिल्म में वही तरह के किरदार मिलते हैं… और मैं हीरोइनों के साथ रोमांस करता रहता हूँ।”
बीना रमानी की किताब में शम्मी कपूर के साथ रिश्तों की झलक
बीना रमानी ने अपनी आत्मकथा ‘Bird in a Banyan Tree: My Story’ में शम्मी कपूर के साथ अपने खास रिश्ते का विस्तार से ज़िक्र किया है—उनकी संवेदनशीलता, उनका निजी संघर्ष और फिल्मी छवि के पीछे छिपा उनका सच्चा व्यक्तित्व।
शम्मी कपूर: एक ऐसा सितारा जिसकी चमक समय से परे है
1953 की फिल्म ‘जीवन ज्योति’ से शुरुआत कर ‘तुमसा नहीं देखा’, ‘दिल देकर देखो’, ‘जंगली’, ‘कश्मीर की कली’ और ‘एन ईवनिंग इन पेरिस’ जैसी फिल्मों में चमकने वाले शम्मी कपूर ने हिंदी सिनेमा को नया अंदाज़, नई रवानी और एक अनोखा नृत्य-शैली दी।
उनकी ऊर्जावान स्क्रीन प्रेज़ेंस, बेपरवाह अंदाज़ और रोमांटिक छवि ने बॉलीवुड में एक नया ट्रेंड स्थापित किया।
‘याहू’ की गूँज सिर्फ एक फिल्मी पुकार नहीं थी—वह एक युग का प्रतीक थी।
सिनेमा की दुनिया में शम्मी कपूर एक अनंत धरोहर
शम्मी कपूर के गाने आज भी उतने ही ताजगी, रोमांस और ऊर्जा से भरपूर लगते हैं। उनकी स्टाइल और करिश्मा ने आने वाली कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है—अभिनेता हों या फिल्मकार।वो सिर्फ एक सुपरस्टार नहीं थे, बल्कि हिंदी सिनेमा के दिल में दर्ज वह धड़कन थे जो समय बीतने पर भी कम नहीं होती।सच तो यह है,सच्ची स्टारडम वही होती है जो समय की सीमाएँ पार कर जाए, और शम्मी कपूर उसी चमक का नाम हैं।