डायना की 28वीं पुण्यतिथि: महिलाओं में रहती थी राजकुमारी जैसी दिखने की होड़, जबरदस्त थी लोकप्रियता

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 31-08-2025
Diana's 28th death anniversary: ​​There was competition among women to look like a princess, her popularity was tremendous
Diana's 28th death anniversary: ​​There was competition among women to look like a princess, her popularity was tremendous

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
राजकुमारी डायना का रूप धारण करके एक समय हजारों पाउंड कमाने वालीं ब्रिटिश महिला क्रिस्टीना हेंस ने 1996 में बीबीसी से कहा था, “मेरे पास आने वाले जापानी लोगों को जब मैं बताती थी कि मैं डायना नहीं हूं तो वे रो पड़ते थे.
 
कुछ महीने बाद उन्होंने डायना के जैसी दिखने के अपने दायित्वों से मुक्त होने की घोषणा करते हुए कहा था कि इस काम की वजह से मानसिक रूप से परेशान और बीमार हो गई हैं.
 
हेंस ने कहा, “मैं भी उनकी (...) तरह जॉम्बी जैसी बन गई थी। हम दोनों के लिए सार्वजनिक जीवन का तनाव बहुत बढ़ गया था.
 
‘डायनावर्ल्ड: एन ऑब्सेशन’ नामक पुस्तक लिखने वाले एडवर्ड व्हाइट के अनुसार, डायना जैसे दिखने वाले अनगिनत पेशेवर लोगों में से संभवतः हेंस सबसे अधिक प्रसिद्ध थीं, लेकिन वह "वास्तव में डायना की तरह बिल्कुल भी नहीं दिखती थीं."
 
इस पुस्तक में आमजन की राजकुमारी के तौर पर डायना का वर्णन किया गया है.
 
दूसरे शब्दों में कहें तो इस पुस्तक में उनके सार्वजनिक और निजी, वास्तविक व अवास्तविक जीवन पर व्यापक रूप से प्रकाश डाला गया है। इसमें यह बताया गया है कि कुछ “आम लोगों” ने डायना को किस तरह एक हस्ती बनाया.
 
ये आम लोग विभिन्न समुदायों से जुड़े थे, जिनमें फैशन डिजाइनर, दरबारी, हेयरड्रेसर, राजनेता, शाही नौकर, यौनकर्मी, ज्योतिष, समलैंगिक, अखबार वाले, भविष्यवक्ता, प्रशंसक, व्यंग्यकार और हमशक्ल शामिल हैं.
 
डायनावर्ल्ड पुस्तक में एक ऐसी डायना का वर्णन किया गया है जो कई लोगों के लिए कई तरीके से अहमियत रखती थीं.
 
व्हाइट कहते हैं, "काफी गहराई से खोजबीन करें तो आप डायना की कई पहचानों से रूबरू होंगे, जिनमें यहूदी होने, अमेरिकी होने और रिपब्लिकन होने जैसी पहचान शामिल हैं। इसके अलावा भी उनके जीवन के कई पहलू थे.
 
व्हाइट के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह "अपने ब्रिटिश पूर्वजों वाले डीएनए के कारण पीले रंगत वाले एक गुलाब के फूल की तरह थीं, जो विंडसर राजशाही की शोभा बढ़ाता था। वह "किसी भी प्रकार की वर्गीय पहचान, दंभ या अभिजात्यता से मुक्त थीं.