संडांस फिल्म फेस्टिवल विजेता 'साबर बोंडा' का ट्रेलर हुआ रिलीज

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 01-09-2025
Trailer of Sundance Film Festival winner 'Sabar Bonda' released
Trailer of Sundance Film Festival winner 'Sabar Bonda' released

 

मुंबई 

संडांस फिल्म फेस्टिवल में ‘वर्ल्ड सिनेमा ग्रैंड जूरी प्राइज़: ड्रामेटिक’ जीतने वाली पहली भारतीय फिक्शन फीचर फिल्म ‘साबर बोंडा’ (Cactus Pears) का आधिकारिक ट्रेलर सोमवार को जारी कर दिया गया।

यह फिल्म रोहन परशुराम कनवड़े द्वारा लिखी और निर्देशित की गई है। भारत में यह फिल्म अभिनेता राणा दग्गुबाती के प्रोडक्शन हाउस स्पिरिट मीडिया के माध्यम से सिनेमाघरों में रिलीज़ की जाएगी।

Variety की रिपोर्ट के अनुसार, यह फिल्म पश्चिम भारत के कठोर ग्रामीण परिदृश्य पर आधारित है। कहानी एक शहरी व्यक्ति आनंद की है, जो व्यक्तिगत क्षति और पारिवारिक दबावों से जूझ रहा है। वह अपने पैतृक गांव में दस दिन का शोक अनुष्ठान पूरा करने आता है, जहां उसकी मुलाकात उसके बचपन के दोस्त बाल्या से होती है, जो खुद भी सामाजिक बंधनों और अपेक्षाओं का सामना कर रहा है।

फिल्म में भूषण मनोज, सूरज सुमन और जयश्री जगताप मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे।लोटस विजुअल प्रोडक्शंस ने फिल्म का ट्रेलर यूट्यूब पर जारी किया है।राणा दग्गुबाती ने फिल्म को लेकर अपने विचार साझा करते हुए कहा:

‘साबर बोंडा’ एक कोमल लेकिन सशक्त फिल्म है। यह अपने पात्रों में गहराई से जुड़ी हुई है और इसकी कहानी सार्वभौमिक स्तर पर दर्शकों से जुड़ती है।
उन्होंने आगे कहा:“संडांस में ग्रैंड जूरी प्राइज़ जीतना न केवल इस फिल्म के लिए बल्कि समूचे भारतीय सिनेमा के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। रोहन ने एक उल्लेखनीय शुरुआत की है।

फिल्म के निर्माता हैं:नीरज चुरी (यूके), मोहम्मद खाकी (कनाडा), कौशिक रे (यूके), नरेन चंदावरकर (भारत), सिद्धार्थ मीर (भारत) और हरीश रेड्डीपल्ली (भारत)

को-प्रोड्यूसर के रूप में नेहा कौल और अभिनेता जिम सर्भ का नाम शामिल है, जबकि राजेश पर्वतकर फिल्म के एसोसिएट प्रोड्यूसर हैं।

फिल्म की तकनीकी टीम में शामिल हैं:

  • छायांकन: विकास उर्स

  • संपादन: अनादी अठाले

  • ध्वनि डिजाइन: अनिर्बान बोरठाकुर और नरेन चंदावरकर

  • कॉस्ट्यूम डिज़ाइन: सचिन लोवलेकर

  • कलर ग्रेडिंग: हिमांशु कांबले

‘साबर बोंडा’ एक संवेदनशील और गहराई से भरी फिल्म है, जो ग्रामीण परिवेश, पारिवारिक परंपराओं और आंतरिक संघर्षों के ज़रिए एक वैश्विक भावनात्मक अनुभव पेश करती है।