सितारे ज़मीं पर’ के प्रशंसक लड़के का आमिर खान को प्रेम पत्र

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 04-06-2025
A love letter to Aamir Khan from a Sitara Zameen Par fan boy
A love letter to Aamir Khan from a Sitara Zameen Par fan boy

 

मुंबई

फिल्म निर्माता आर. एस. प्रसन्ना का मानना है कि सपने सच होते हैं. 2007 में जब आमिर खान को उनकी फिल्म ‘तारे ज़मीं पर’ के लिए पुरस्कार मिला, उस समय प्रसन्ना दर्शकों में बैठे एक उत्साही छात्र थे, जो आमिर के लिए ताली बजा रहे थे.किसे पता था कि वर्षों बाद वही छात्र उस फिल्म के सीक्वल ‘सितारे ज़मीं पर’ का निर्देशन करेगा – और खुद आमिर खान को निर्देशित करेगा.

प्रसन्ना, जो तमिल फिल्म ‘कल्याण समयाल साधन’ और उसके हिंदी रीमेक ‘शुभ मंगल सावधान’ के लिए जाने जाते हैं, उस समय फिल्म स्कूल में पढ़ रहे थे जब उन्होंने ‘तारे ज़मीं पर’ देखी थी.

उन्होंने याद करते हुए कहा:"मैं अपने दोस्तों और गर्लफ्रेंड (जो अब मेरी पत्नी हैं) के साथ फिल्म देखने गया था और बीच फिल्म में ही रो पड़ा था. जब आमिर सर को 'सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक' का गोलापुडी श्रीनिवास पुरस्कार मिला और वो उसे लेने चेन्नई आए, तो मैं दर्शकों में मौजूद था. मैं तालियां बजा रहा था, और शायद मंच से लगभग 300 मीटर की दूरी पर बैठा था. उस वक्त मुझे लगा कि इससे ज़्यादा आमिर सर के करीब कभी नहीं जा पाऊंगा."

वर्षों बाद जब उन्हें आमिर से मिलने का मौका मिला और उन्होंने ‘सितारे ज़मीं पर’ के विचार को साझा किया, तो यह मुलाकात एक यादगार मोड़ बन गई.

प्रसन्ना बताते हैं:"मैं बहुत भावुक था। मैंने उनसे कहा, ‘सर, आपने मुझे यह भरोसा दिया कि सपने सच हो सकते हैं.’ यह वो सपना भी नहीं था जिसे मैंने कभी देखा हो — क्योंकि इतना बड़ा सपना देखने की हिम्मत ही नहीं थी."

प्रसन्ना ने आगे बताया कि जब फिल्म की रैप पार्टी हुई, तो उन्होंने आमिर से कहा:"यह फिल्म एक प्रशंसक लड़के की ओर से अपने आदर्श को लिखा गया प्रेम पत्र है. इसमें वो सबकुछ है जो मैं एक फैन के तौर पर आमिर सर को करते देखना चाहता था."

उन्होंने कहा:"यह फिल्म न सिर्फ मनोरंजन करती है, बल्कि सोचने पर मजबूर करती है, दिल को छू जाती है और सबसे अहम बात — यह दर्शकों के दिल में विश्वास पैदा करती है."

दिलचस्प बात यह है कि ‘शुभ मंगल सावधान’ के बाद आमिर खान ने खुद 41 वर्षीय निर्देशक प्रसन्ना से संपर्क किया और यहीं से ‘सितारे ज़मीं पर’ के सपने ने असलियत का रूप लिया.

एक भावुक शुरुआत, एक प्रेरणादायक यात्रा और एक फिल्म — जो सिर्फ पर्दे पर नहीं, दिलों में भी छा जाने वाली है.