आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
1973 में बॉलीवुड के सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित जोड़े—अमिताभ बच्चन और जया भादुरी—ने शादी की थी.जया बच्चन, जिन्होंने पुणे के प्रतिष्ठित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से अभिनय की शिक्षा ली, पहले ही बंगाली और हिंदी सिनेमा में अपनी सादगी और अभिनय से पहचान बना चुकी थीं.
हिंदी फिल्मों में काम करते हुए ही जया और अमिताभ की मुलाकात हुई और दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ीं. अमिताभ ने एक बार अपने दोस्तों के साथ लंदन यात्रा की योजना बनाई थी और उसमें जया को भी साथ ले जाने का मन बनाया.
जब यह बात अमिताभ के पिता, कवि हरिवंश राय बच्चन को पता चली तो वे बेहद नाराज़ हो गए. उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “अगर तुम जया के साथ लंदन जाना चाहते हो, तो पहले उससे शादी करो.”
गौरतलब है कि अमिताभ ने पहले ही फ्लाइट टिकट और होटल की बुकिंग कर ली थी. लेकिन पिता की शर्तों के सामने उन्हें झुकना पड़ा. हरिवंश राय बच्चन ने लंदन यात्रा को तभी मंजूरी दी, जब शादी पहले हो जाए.इसके बाद जल्दबाज़ी में तैयारियां हुईं और दोनों की शादी हो गई.
क्या आप जानते हैं कि इस शादी में उस समय करीब 9 मिलियन खर्च हुए थे? उस दौर में यह रकम किसी शाही विवाह के बराबर मानी जाती थी.शादी पूरी तरह बंगाली रीति-रिवाजों से संपन्न हुई। लेकिन इस दौरान अमिताभ बच्चन को एक परंपरा को लेकर थोड़ी असहजता महसूस हुई.
बंगाली शादी में दूल्हे को विशेष पारंपरिक टोपी पहनाई जाती है, जिसे ‘टोपोर’ कहा जाता है. लेकिन अमिताभ ने यह पहनने से इनकार कर दिया. जया ने उन्हें समझाने की कोशिश की, यहां तक कि परिवार वालों से भी माफ़ी मांगी कि दूल्हे को यह टोपी न पहनाई जाए.
हाल ही में एक रियलिटी शो 'कौन बनेगा करोड़पति' के प्रोमो में जब अमिताभ से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,“मुझे आज तक समझ नहीं आता कि शादी और टोपी का क्या कनेक्शन है. मैंने तय कर लिया था कि मैं ये टोपी नहीं पहनूंगा — और मैंने नहीं पहनी.”
इस तरह बंगाली दूल्हा बना अमिताभ बच्चन बिना टोपी पहने, लेकिन जया के साथ एक खूबसूरत रिश्ते की शुरुआत जरूर की — जो आज भी कायम है.