सेराज अनवर/पटना
किसी मिशन की सफलता उसके लगन पर होती है.बिहार हज भवन भी अपनी जिद पर है.जिद मुस्लिम बच्चों को अफसर बनाने की. सफलता का प्रतिशत भले ही थोड़ा घट बढ़ रहा है, पर यह अपने मिशन से पीछे नहीं हट रहा है. कौम के बच्चे-बच्चियां भी थक नहीं रहे.
बिहार लोक सेवा आयोग की 64वीं संयुक्त परीक्षा में जहां पहली बार एक मुस्लिम लड़की डीएसपी बनी थी. वहीं गुरूवार को आए बीपीएससी की 66 वीं संयुक्त परीक्षा में कई अधिकारी के साथ दो डीएसपी देने में हज भवन ने महती भूमिका निभाई है.
इस बार राज्य में कुल 38 मुस्लिम स्टूडेंट ने बाजी मारी है, जबकि अकेले हज भवन से 25 अभ्यर्थी बिहार पब्लिक सर्विस के लिए चुने गए हैं.मुस्लिम समाज से सफल अभ्यर्थियों का प्रतिशत 5.5 है.जो पिछली कामयाबी से थोड़ा कम है.
बावजूद इसके बिहार लोक सेवा आयोग की 66वीं संयुक्त परीक्षा का फाइनल रिजल्ट आया तो हज भवन की मेहनत ने फिर रंग दिखाई है.इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. हज भवन बिना शोर-शराबा के मुस्लिम बच्चे-बच्चियो को अफसर बनाने के अपने मिशन में लगन से जुटा है.
इसकी सफलता का पैमाना यह है कि देश की राजधानी दिल्ली से लेकर सिमांचल के पिछड़ा इलाका अररिया के बच्चे यहां कोचिंग प्राप्त कर नौकरशाही में जा रहे हैं. हज भवन कोचिंग से तैयारी कर डीएसपी बनने वाले अब्दुर रहमान दानिश का रैंक 75वां और इस्तेखार अहमद अंसारी ने 112वीं रैंक प्राप्त किया है. प्रथम रैंक पाने वाले सुधीर वैशाली के छोटे से गांव महुआ प्रखंड के रहने वाले सुधीर ने प्रथम रैंक प्राप्त कर टॉपर बने हैं
क्या है हज भवन कोचिंग ?
पटना के हार्डिंग रोड स्थित हज भवन में दीन ही नहीं,दुनिया संवारने के काम में भी लगा है. एक तरफ हज यात्रा पर जाने वाले मुसलमानों को यहां ट्रेनिंग दी जाती है. दूसरी ओर अल्पसंख्यक नौजवानों को विभिन्न विभागों में अधिकारी बनने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.
यहां से लोग एक साथ अल्लाह की राह और देश सेवा में निकलते हैं. हाजी और अफसर बनने का यह संगम कहीं और देखने को नहीं मिलता. बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित हज भवन की कोचिंग एवं मार्ग दर्शन से अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों में नए उत्साह का संचार हुआ है.
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग इस कार्यक्रम के तहत अभ्यर्थियों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराता है.बीपीएससी की तैयारी के लिए मुफ्त आवासीय कोचिंग की व्यवस्था है. इस आवासीय कोचिंग में छात्रों को 24 घंटा लाइब्रेरी की भी सुविधा है.
पूरे बिहार से बच्चे यहां निःशुल्क आवासीय कोचिंग योजना का लाभ लेने आते हैं. अब बिहार के बाहर दिल्ली तक के बच्चे इस कोचिंग का लाभ उठा रहे हैं.डीएसपी बने अब्दुर रहमान दानिश दिल्ली के रहने वाले हैं.बिहार हज भवन में मुफ्त में पीटी,मेंस और इंटरव्यू की तैयारी कराई जाती है.बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की खास दिलचस्पी से यह कोचिंग दिनों दिन परवान चढ़ रही है.
कौन-कौन बने अफसर?
हज भवन कोचिंग एंड गाइडेंस सेल,पटना से सफल उम्मीदवारों में अबदुर रहमान दानिश (पुलिस उपाधीक्षक) इस्तेख़ार अहमद अंसारी(पुलिस उपाधीक्षक),मसरूर अख्तर(राज्य कर सहायक आयुक्त),वसीम अकरम(राज्य कर सहायक आयुक्त)सद्दाम हुसैन(प्रोबेशन पदाधिकारी),सुलेमान आलम(परिवहन पदाधिकारी),शम्स रजा(नगर कार्यपालक पदाधिकारी),शमा फरोजन(आपूर्ति निरीक्षक),समरुल हसन(आपूर्ति निरीक्षक),दानिश रजा(आपूर्ति निरीक्षक),आदिल अली(आपूर्ति निरीक्षक),,सहाना ख़ातून(आपूर्ति निरीक्षक),मोहम्मद राहिल(राजस्व अधिकारी)ख़ुशबू आजम(राजस्व अधिकारी),नीलोफर मलिका(राजस्व अधिकारी),आबिद अख्तर(प्रखंड पंचायत राज अधिकारी)इस्तेखार दानिश(प्रखंड पंचायत राज अधिकारी)शदाब अनवर(प्रखंड पंचायत राज अधिकारी),मोहम्मद हाशिम(प्रखंड पंचायत राज अधिकारी),नाजिश परवीन(प्रखंड पंचायत राज अधिकारी),मोहम्मद नाजिश(ग्रामीण विकास अधिकारी),शारिक अहमद(ग्रामीण विकास अधिकारी),सद्दाम हुसैन(ग्रामीण विकास अधिकारी),शादाब आलम(ग्रामीण विकास अधिकारी),जुफिशन हक(ग्रामीण विकास अधिकारी).
इसमें छह लड़कियों ने भी कामयाबी हासिल की है.जिसमें दो डीएसपी,दो राज्य कर सहायक आयुक्त,एक प्रोबेशन,एक परिवहन,एक नगर कार्य पदाधिकारी,पांच आपूर्ति निरीक्षक,तीन राजस्व अधिकारी,पांच प्रखंड राज अधिकारी और पांच ग्रामीण विकास पदाधिकारी बनना पसंद किया है.
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