फरहान इसराइली / जयपुर
राजधानी जयपुर के खो नागोरियान में एक ऐसा मदरसा है, जहां पिछले 16 साल से एक हिंदू टीचर कुलदीप सिंह राजावत गणित, विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ा रहे हैं. सामान्यता यह माना जाता है कि मदरसों में मुस्लिम बच्चों को सिर्फ इस्लामिक शिक्षा और उसके मूल्यों को मजबूती देने वाली बातें ही सिखाई जाती है. जहां सिर्फ मौलवी ही बच्चों को तालीम देते हैं. इसके विपरीत यह मदरसा नई इबारत लिख रहा है.
मदरसा कौसर पब्लिक नाम से संचालित यह मदरसा हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल है. यहां उर्दू, अरबी के साथ कंप्यूटर जैसे आधुनिक विषय भी पढ़ाए जाते हैं. मदरसे के प्रमुख फरहान इसराइली ने बताया कि उनकी कोशिश है कि समाज में फैले हिंदू-मुस्लिम के भेदभाव को खत्म किया जाए.
इस मदरसे की स्थापना वर्ष 2006 में उनके पिता मौलवी मोहम्मद हस्सान इसरायली ने की थी. उसे समय को नागोरियां क्षेत्र में यह अकेला शिक्षण संस्थान हुआ करता था. वर्ष 2008 में कुलदीप सिंह राजावत की राजस्थान मदरसा बोर्ड की तरफ से मदरसे में नियुक्ति हुई. तब से लेकर अब तक पिछले 16 वर्षों से कुलदीप सिंह राजावत उनके मदरसे में शिक्षण कार्य कर रहे हैं वे.
कुलदीप सिंह राजावत रहते हैं कि उन्हें पिछले 16 सालों में कभी ऐसा कभी प्रतीत ही नहीं हुआ कि वह किसी दूसरे धर्म के लोगों के बीच हैं. वह मुस्लिम समाज के बच्चों को बहुत अच्छी तरह से शिक्षा देने का गुणवत्तापूर्ण कार्य कर रहे हैं. समाज में हमें ऐसे अन्य शिक्षकों की ओर जरूरत है, जिससे एक दूसरे के प्रति प्रेम और सदभाव की भावना रहे.
मदरसा कौसर में शिक्षक दिवस मनाया गया
जयपुर के सभी मदरसो में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अभिषेक सिद्धा के निर्देशानुसार 5 सितंबर को शिक्षक दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर खो नागोरियान स्थित मदरसा कौसर पब्लिक स्कूल में 16 वर्षों से कार्यरत शिक्षक कुलदीप सिंह राजावत को बेस्ट शिक्षक के रूप में सम्मानित किया गया.
वहीं छात्र-छात्राओं ने शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाया. छात्र-छात्राओं ने अपने गुरुजनों के प्रति आभार भी प्रकट किया. इस अवसर पर मदरसे के आलिया, इकरा, उजेर एवं मशरीफा ने शिक्षकों के नेतृत्व में कक्षा में अध्यापन कार्य किया.
शिक्षा अनुदेशक कुलदीप सिंह राजावत ने इस अवसर पर शिक्षक की विधार्थियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताते हुए कहा जिस प्रकार से एक मोमबत्ती जल करके दूसरों को रोशनी देता है, उसी प्रकार अध्यापक भी बच्चों को सीखने का प्रयास करते हैं और एक अच्छा नागरिक बनाते हैं.
इस मौके पर मदरसा संचालक फरहान इसरायली ने बताया कि हमारे शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करना कितना महत्वपूर्ण है. उनकी मेहनत और समर्पण के बिना हम सफलता की ओर नहीं बढ़ सकते.
मैं अपने मदरसे के सभी शिक्षकों का दिल से आभार व्यक्त करना चाहता हूं. आपकी शिक्षा और मार्गदर्शन के लिए हम सदैव आपके ऋणी रहेंगे. हमें सदैव अपने गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए.