कोटा
देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा ‘जेईई-एडवांस्ड’ 2025 के टॉपर्स ने अपनी सफलता का राज बताया है. उनका मानना है कि नियमित ‘मॉक टेस्ट’ का विश्लेषण करना, एनसीईआरटी की किताबों को गंभीरता से पढ़ना और पढ़ाई के दौरान समय-समय पर ब्रेक लेना उनके लिए बेहद फायदेमंद रहा.
आईआईटी में प्रवेश दिलाने वाली इस परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है. इस साल के परिणाम सोमवार सुबह घोषित किए गए, जिसमें शीर्ष रैंक हासिल करने वाले छात्रों ने अपनी तैयारी की रणनीति साझा की.
ऑल इंडिया टॉपर राजित गुप्ता, जिन्होंने 360 में से 322 अंक प्राप्त किए, ने बताया कि उन्होंने 10वीं कक्षा से ही तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने कहा, “मेरी रणनीति बहुत साधारण थी। मैं सिर्फ समय पर टास्क पूरे करता और मॉक्यूल हल करता था.”
राजित ने बताया कि उन्होंने ‘एचसी वर्मा’ और ‘इरोडोव’ के कुछ चुनिंदा सवाल हल किए, लेकिन मुख्य रूप से एनसीईआरटी की किताबों पर ही भरोसा किया. उन्होंने बताया, “मैंने कभी यह तय नहीं किया कि मुझे रोज कितने घंटे पढ़ना है. मेरा फोकस एक विषय को पूरा करने पर रहता था.”
पढ़ाई के दौरान जब कोई प्रश्न नहीं सुलझता, तो वे ब्रेक लेते थे. उन्होंने बताया, “ऐसे समय में मैं अपनी छोटी बहन से बातें करता, जिससे मूड बदल जाता और फिर से पढ़ाई में मन लग जाता.”
राजित के पिता दीपक गुप्ता, जो बीएसएनएल में इंजीनियर हैं, ने बताया कि उनके बेटे ने बड़ी संख्या में मॉक टेस्ट हल किए, जिससे उसे आत्ममूल्यांकन में मदद मिली.
कॉमन रैंक लिस्ट (सीआरएल) में दूसरा स्थान हासिल करने वाले हरियाणा के हिसार निवासी सक्षम जिंदल ने बताया कि वे पिछले दो वर्षों से कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहे थे. उन्होंने भी ‘एलन करियर इंस्टीट्यूट’ से तैयारी की.
सक्षम ने कहा, “मुझे गणित में आत्मविश्वास था, इसलिए मैंने भौतिकी और रसायन विज्ञान पर ज्यादा फोकस किया.”
उन्होंने यह भी बताया कि मॉक टेस्ट का विश्लेषण करना उनकी तैयारी का अहम हिस्सा रहा. इससे न सिर्फ उनकी अवधारणाएं स्पष्ट हुईं, बल्कि परीक्षा के दौरान घबराहट भी नहीं हुई.
भविष्य की योजना के बारे में सक्षम ने कहा, “मेरा लक्ष्य आईआईटी बॉम्बे में प्रवेश लेना है. फिलहाल विदेश जाने की कोई योजना नहीं है.”