प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी बने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कार्यवाहक कुलसचिव

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-11-2024
प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी बने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कार्यवाहक कुलसचिव
प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी बने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कार्यवाहक कुलसचिव

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ ने विश्वविद्यालय के नेल्सन मंडेला शांति एवं संघर्ष समाधान केंद्र के मानद निदेशक प्रो. (डॉ.) मोहम्मद महताब आलम रिजवी को विश्वविद्यालय का कार्यवाहक कुलसचिव नियुक्त किया है. आदेश जारी होने के बाद प्रो. रिजवी ने अपना पदभार संभाल लिया.
 
उन्होंने एम. नसीम हैदर, उप कुलसचिव-I का स्थान ग्रहण किया, जो पिछले कुछ महीनों से इस पद पर कार्य कर रहे थे.इस मौके पर कुलपति और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने प्रो. रिजवी को बधाई दी और कार्यवाहक कुलसचिव के रूप में उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएँ दीं.

 कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ ने कहा कि वे सभी एक टीम के रूप में मिलकर विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और संस्थान के संस्थापकों के सपनों को साकार करने का प्रयास करेंगे.


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प्रो. रिजवी ने अपने संबोधन में कुलपति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें इस जिम्मेदारी पर विश्वास जताने के लिए धन्यवाद देते हैं. उन्होंने कहा, "मैं ज्यादा नहीं कहूंगा; अपने कार्यों से खुद को इस पद के लायक साबित करने की कोशिश करूंगा और इसके लिए मुझे सभी शैक्षिक और प्रशासनिक कर्मचारियों के समर्थन की आवश्यकता है."

प्रो. रिजवी के पास शिक्षण और शोध का 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है. फरवरी 2017 में जामिया में शामिल होने से पहले, उन्होंने रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (IDSA), नई दिल्ली में एक फैलो के रूप में कार्य किया है.

वह अंतरराष्ट्रीय संबंधों, विदेश नीति और सुरक्षा मुद्दों, विशेष रूप से पश्चिम एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका में भारत के रणनीतिक संबंधों के विशेषज्ञ हैं. उनके शोध का मुख्य क्षेत्र ईरान में राजनीतिक और आंतरिक विकास, ईरान-चीन के आर्थिक, राजनीतिक और रक्षा संबंधों तथा ऊर्जा सुरक्षा और संघर्ष समाधान है.

प्रो. रिजवी ने IDSA और ईरान तथा जीसीसी देशों के विदेश मंत्रालय की संयुक्त परियोजनाओं पर भी कार्य किया है. साथ ही, उन्हें प्रशासनिक पदों पर भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाने का अनुभव है. हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कोर्ट सदस्य के रूप में नामित किया है. वह मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद के संस्थागत शैक्षणिक अखंडता पैनल के बाहरी सदस्य भी हैं.

प्रो. रिजवी की इस नई जिम्मेदारी से जामिया मिल्लिया इस्लामिया को उनके अनुभव और नेतृत्व का लाभ मिलेगा, और उनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के कार्यों को नई दिशा मिल सकेगी.