दिल्ली में 11 प्रतिशत स्कूली छात्र कर रहे तंबाकू उत्पादों का सेवन ?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 20-10-2023
11 percent school students in Delhi are consuming tobacco products?
11 percent school students in Delhi are consuming tobacco products?

 

नई दिल्ली.

भाजपा ने दिल्ली में आदतन 11 प्रतिशत स्कूली छात्र के तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करने का दावा करते हुए आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी की सरकारें बेशर्म है, क्योंकि उनके बड़े-बड़े दावों के बावजूद पंजाब में युवा लगातार नशे की चपेट में हैं.

भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आप पर राजनीतिक निशाना साधते हुए कहा कि आज पूरे दिन हमने देखा कि आम आदमी पार्टी अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अपने पंजाब सरकार के कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट का उपयोग कर रही है, यह दिखाने के लिए कि पंजाब में उसकी सरकार स्कूली बच्चों और युवाओं को नशीली दवाओं और अन्य तंबाकू उत्पादों से दूर करने के लिए कितनी ईमानदारी से काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि यह देखना चौंकाने वाला है कि आप की पंजाब सरकार ने उस दिन अमृतसर में स्कूली छात्रों के साथ एक मीडिया कार्यक्रम किया जब समाचार रिपोर्टों में यह बात सामने आई कि दिल्ली में 11 वर्ष से अधिक उम्र का हर नौंवा स्कूल छात्र किसी न किसी प्रकार के तंबाकू उत्पाद का सेवन कर रहा है.

सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली सरकार के अपने मौलाना आज़ाद कॉलेज की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राइमरी स्तर से ऊपर के 11 प्रतिशत स्कूली छात्र तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे हैं, जो इस बात का संकेत है कि दिल्ली सरकार नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर कानून के अनुसार निर्धारित सीमा के अंदर अंकुश लगाने में विफल रही है.

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि हर कोई जानता है कि पंजाब में युवा नशे की चपेट में हैं और स्वर्ण मंदिर में पंजाब सरकार का कार्यक्रम लोगों को गुमराह करने के लिए आयोजित एक मीडिया कार्यक्रम से ज्यादा कुछ नहीं था कि आप सरकार युवाओं को नशे और तंबाकू उत्पादों से दूर रखने के लिए सक्रिय रूप से लड़ रही है.

लेकिन जो अधिक खतरनाक और डरावना है, वह यह है कि दिल्ली में भी छात्र तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकारें भ्रामक प्रचार करने वाली बेशर्म सरकारें हैं, क्योंकि उनके बड़े-बड़े दावों के बावजूद पंजाब में युवा नशे की चपेट में हैं, जबकि दिल्ली में 11 प्रतिशत स्कूली छात्र आदतन तंबाकू उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं.