मुस्तफा हाशमीः बिना कोचिंग कर सकते हैं यूपीएससी क्रैक

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 31-05-2022
मुस्तफा हाशमी : बिना कोचिंग हाफिज भी कर सकता है यूपीएससी क्रैक
मुस्तफा हाशमी : बिना कोचिंग हाफिज भी कर सकता है यूपीएससी क्रैक

 

मोहम्मद अकरम / हैदराबाद

बगैर कोचिंग कोई Doctor यूपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में कामयाबी हासिल कर सकता है.सोमवार को यूपीएससी के आए नतीजों ने यह साबित किया है. हैदराबाद शहर के  सैयद खालिद हाशमी के Doctor पुत्र मुस्तफा हाशमी ने यह साबित कर दिखाया है.

वह पेशे से डॉक्टर हैं.उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 162वां रैंक हासिल किया है. मुस्तफा हाशमी देश में कामयाब मुस्लिम उम्मीदवारों में तीसरे स्थान हासिल कर घर, समाज को गौरवान्वित किया है.

उन्होंने ये कामयाबी बगैर किसी कोचिंग के हासिल की है. Doctor मुस्तफा हाशमी शुरुआती वक्त से सभी मैदानों में कामयाबी हासिल करते रहे हैं. उन्होंने सोनी टीवी पर अमिताभ बच्चन के साथ साल 2012में प्रदर्शन किया.

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उनकी शुरुआती शिक्षा विदेश में हुई, लेकिन दसवीं कक्षा उन्होंने LITTLE FLOWER HIGH SCHOOL से पास किया. वह स्कूल में टॉपर रहे हैं. SRI CHAITANYA JUNIOR COLLEGE से बारहवीं की परीक्षा पास की. तब संयुक्त आंध्र प्रदेश की मेडिकल परीक्षा में दसवें स्थान पर रहे. जबकि मुस्लिम उम्मीदवारों में उनका नाम सबसे ऊपर था. इसके बाद एमबीबीएस की पढ़ाई उस्मानिया मेडिकल कॉलेज से की. .

मुस्तफा हाशमी की मां आस्मां हाशमी ने आवाज द वॉइस को फोन पर बताया कि मैं और हमारा परिवार आज बहुत खुश है.. अब वह देश की सेवा करेगा, जिस पर हमें और हमारे परिवार को नाज है.

दादा का ख्वाब था पोता बने आईएएस ऑफिसर

मीडिया को मुस्तफा हाशमी ने बताया कि मैं डॉक्टर बन कर लोगों की खिदमत करना चाहता हूं. हमारे दादा जल निर्माण विभाग में उप महाप्रबंधक थे. उनकी इच्छा थी कि मैं यूपीएससी निकालूं, लेकिन मैं लोगों की सेवा में आ गया.

प्रैक्टिस के दौरान मैंने महसूस किया कि लोगों की समस्याएं दवा और स्वास्थ्य तक सीमित हैं. गरीबी और पिछड़ेपन की समस्याएं इससे कहीं ज्यादा है. इसे देखते हुए मैंने यूपीएससी की तैयारी की और कामयाब रहा.

 

 सेवा करते हुए कैसे की तैयारी

कोरोना का वक्त मुस्तफा हाशमी के लिए फायदेमंद साबित हुआ. वह तब जिला अस्पताल में ड्यूटी पर थे. वह बताते हैं कि कोरोना के वक्त मैं हर रोज सुबह ड्यूटी जाता था. मगर रात में घर पर पढ़ाई करता था. तब यह कामयाबी मिली . मैंने अपनी पढ़ाई बगैर कोचिंग के हासिल की है.

प्रतियोगिताओं में मुस्तफा हाशमी

मुस्तफा हाशमी ने उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि 2010 में उन्होंने विश्व जीव विज्ञान ओलंपियाड के लिए क्वालीफाई किया और दक्षिण कोरिया में आयोजित एक प्रतियोगिता में अपने देश के लिए रजत पदक जीता. उन्होंने कहा कि सोनी टीवी पर प्रसारित लोकप्रिय शो में उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ अच्छा प्रदर्शन किया. वह दर्जनों लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं में उच्च पुरस्कार भी जीत चुके हैं.

 

कामयाबी का श्रेय

हाशमी ने बताया कि मैं अपनी कामयाबी का सेहरा अपने माता पिता को देता हूं. इनकी 25साल की मेहनत रंग लाई . उन्होंने हर कदम पर हमारी रहनुमाई की. अल्लाह का करम है कि आज मुझे इस कामयाबी से नवाजा है. 

मुस्तफा हाशमी ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के लिए बहुत तैयारी और संकल्प को ऊंचा रखने की जरूरत है.यूपीएससी में बहुत मेहनत और जज्बे की जरूरत होती है.