ड्रेस कोड के बावजूद बुर्का में पहुँचीं मुस्लिम छात्राएँ

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 19-01-2023
ड्रेस कोड के बावजूद बुर्का में पहुँचीं मुस्लिम छात्राएँ
ड्रेस कोड के बावजूद बुर्का में पहुँचीं मुस्लिम छात्राएँ

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के हिंदू कॉलेज में ड्रेस कोड लागू होने के बावजूद बुर्का पहनकर पहुँची छात्राओं को कॉलेज प्रशासन ने बुधवार (18 जनवरी, 2023) को प्रवेश देने से मना कर दिया. इसके बाद छात्राएँ कॉलेज के बाहर धरने पर बैठ गईं.
मुस्लिम छात्राओं का आरोप है कि उन्हें ड्रेस कोड का हवाला देकर बुर्का पहनकर कॉलेज में आने से मना कर दिया गया. साथ ही एंट्री गेट पर बुर्का उतारने के लिए मजबूर भी किया गया. मामला बढ़ने के बाद मुस्लिम छात्रों, ‘समाजवादी छात्र सभा’ के कार्यकर्ताओं और कॉलेज के प्रोफेसर के बीच हाथापाई तक हो गई. सोशल मीडिया पर ‘हिंदू कॉलेज’ का वीडियो वायरल हो रहा है.
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर उन छात्राओं का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जो ‘हिंदू कॉलेज’ द्वारा ड्रेस कोड लागू करने से काफी खुश हैं. एक छात्रा ने कहा, “मुझे ड्रेस पहनकर आना बहुत अच्छा लग रहा है. इक्वेलिटी (समानता) महसूस हो रही है. किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं लग रहा है। अमीर, गरीब सब बराबर लग रहे हैं.” एक और छात्रा आयुषी ने बताया कि उसे भी कॉलेज की ड्रेस में आना अच्छा लग रहा है. रूल्स बने हुए हैं. ड्रेस में आते हैं, तो ऐसा लगता है कि कॉलेज जा रहे हैं.
 
बुर्का पहनकर हंगामा करने वाली छात्राओं के बारे में पूछे जाने पर आयुषी ने कहा, “ये गलत है. हर कॉलेज के अपने-अपने रूल्स होते हैं. वो रूल्स हमें फॉलो करने चाहिए.”
वहीं, कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. एपी सिंह का कहना है कि उन्होंने यहाँ छात्रों के लिए एक ड्रेस कोड लागू किया है, जो भी इसका पालन करने से इनकार करेगा, उसे कॉलेज परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा, “बिना तर्क के इस मुद्दे को तूल दिया गया है. दो महीने पहले ही घोषणा कर दी गई थी कि एक जनवरी से कॉलेज में ड्रेस पहनकर आना अनिवार्य होगा, तो यह नियम सभी के लिए लागू है. कॉलेज प्रशासन का निर्णय सभी को मानना चाहिए. व्यवस्था खराब करने की किसी को छूट नहीं दी जाएगी.”
 
इसको लेकर ‘समाजवादी छात्र सभा’ के सदस्यों ने बुर्के को कॉलेज के ड्रेस कोड में शामिल करने और मुस्लिम लड़कियों को इसे पहनकर अपने क्लास रूम में बैठने की अनुमति देने के लिए एक ज्ञापन सौंपा.
 
कर्नाटक हिजाब विवाद
गौरतलब है कि इसी तरह का एक मामला कर्नाटक में जनवरी 2022 में सामने आया था. कर्नाटक (Karnataka) के उडुपी जिले के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राएँ क्लास के अंदर हिजाब (Hijab) पहनने की जिद पर अड़ गई थीं. इसके लिए उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया था. ये छात्राएँ इस्लामीकरण के प्रतीक हिजाब को अपना मौलिक अधिकार बता रही थीं. कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले पर 14 मार्च 2022 को अपने फैसले में कहा था कि छात्राएँ तय यूनिफॉर्म को पहनकर आने से मना नहीं कर सकती हैं. इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में 23 याचिकाएँ डालकर चुनौती दी गई थी.