आवाज-द वॉयस / नई दिल्ली
प्रमुख भारतीय राष्ट्रीय नेता और विद्वान डॉ. जफरुल इस्लाम खान को एक प्रसिद्ध लेखक और शोध संस्थान दारुल मुसनफिन आजमगढ़ का नाजिम चुना गया है.
इससे पहले भी डॉ. जफरुल इस्लाम खान इस संस्था से जुड़े रहे हैं.
ज्ञात हो कि उनके सामने यह पद प्रो. इश्तियाक अहमद जली फैज संभाल रहे थे.
2009में मौलाना जिया-उद-दीन इस्लाही की मृत्यु के बाद प्रो. इश्तियाक अहमद जली को दारुल मुसनाफिन का नाजिम बनाया गया था, जिसके बाद दारुल मुसनाफिन को उनके निरंतर संघर्ष से एक नया जीवन मिला. इसके अलावा उन्होंने और भी कई काम किए.
अब संगठन ने डॉ. जफरुल इस्लाम खान को नाजिम के रूप में चुना है, जो स्वागत योग्य बात है.
डॉ. जफर-उल-इस्लाम खान भारत के एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने आजमगढ़ के मदरसा-उल-इस्लाह में शिक्षा प्राप्त की और विदेशों में भी अध्ययन किया.
हाल ही में वह दिल्ली अल्पसंख्यक समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं.
आमतौर पर यह माना जाता है कि डॉक्टर दारुल मुसनाफिन के लिए कुछ बेहतर सेवा करेंगे और इस राष्ट्रीय और ऐतिहासिक विरासत का और विस्तार करेंगे.